नमस्कार दोस्तों, भारत के education sector में बड़ा बदलाव लाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसका उद्देश्य देश के Higher education institutions में समानता और सुलभता लाना है। यह योजना 1 जनवरी, 2025 से लागू होगी और इसका मकसद 6,300 State-operated, Higher education institutions (HEI) को, Scholars की Journals तक Centralized पहुंच प्रदान करना है। देश में पहली बार, higher education material को Integrated प्लेटफॉर्म पर लाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि सभी छात्रों और Researchers को समान अवसर मिल सकें। यह पहल न केवल education sector में क्रांति लाएगी, बल्कि भारत को एक Research और Knowledge Based समाज के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का उद्देश्य भारत के education sector को सशक्त बनाना, और high quality वाली Educational Materials तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है। फिलहाल, higher education institution व्यक्तिगत Subscription और विभिन्न मंत्रालयों द्वारा संचालित, अलग-अलग Library associations के जरिए जर्नल्स की Subscription लेते हैं। इस व्यवस्था के तहत केवल 2,500 Institutions को 8,100 जर्नल्स तक पहुंच प्राप्त हो पाती है। यह प्रणाली न केवल महंगी है, बल्कि असमानता को भी बढ़ावा देती है। वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन इन बिखरी हुई व्यवस्थाओं को खत्म कर एक Centralized प्लेटफॉर्म तैयार करेगा, जिससे 13,000 से अधिक Scholars की Journals तक सभी Institutions की पहुंच संभव हो सकेगी। यह पहल छात्रों और Researchers के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह Knowledge और Research तक समान अवसर प्रदान करने का वादा करती है।
अब सवाल उठता है कि जर्नल सब्सक्रिप्शन पर खर्च में कटौती कैसे होगी?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का एक बड़ा उद्देश्य जर्नल सब्सक्रिप्शन पर खर्च को नियंत्रित करना है। मौजूदा व्यवस्था के तहत, इन Journals की Subscription पर estimated 4,000 करोड़ रुपये का खर्च आता है। सरकार ने एल्सेवियर साइंस डायरेक्ट, स्प्रिंगर नेचर और IEEE जैसे 30 प्रमुख Global Publishers के साथ बातचीत शुरू की है, ताकि इस खर्च को 1,800 करोड़ रुपये तक लाया जा सके। इस कदम से न केवल सरकार को आर्थिक बचत होगी, बल्कि Higher education institutions को भी कम Cost पर, high quality वाली Material प्राप्त होगी। यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि Financial Resources का सही उपयोग हो, और Scholars की Material तक व्यापक पहुंच प्रदान की जा सके।
अब सवाल उठता है कि quality Material की पहुंच का विस्तार कैसे होगा और Research को कैसे बढ़ावा मिलेगा?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह high quality वाली Research Materials को, टियर-2 और टियर-3 शहरों तक भी ले जाएगा। यह योजना 55 लाख से 1.8 करोड़ students, teachers और Researchers को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखती है। इन क्षेत्रों में स्थित Institutions को अब तक quality Materials तक पहुंचने में कठिनाई होती थी, लेकिन वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के माध्यम से यह खाई पाटने का प्रयास किया जा रहा है। National Education Policy (NEP) 2020 के तहत Research और innovation को प्राथमिकता दी गई है। वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन इसी नीति का हिस्सा है, और इसका उद्देश्य भारत को Research के क्षेत्र में Global Leadership प्रदान करना है।
अब बात करते हैं कि वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना से आर्थिक बाधाओं को दूर करने की कोशिश कैसे की जाएगी?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना के तहत ओपन-एक्सेस जर्नल्स में, Publication से जुड़ी आर्थिक बाधाओं को भी खत्म करने की कोशिश की जा रही है। मौजूदा समय में, Indian Researchers Article Processing Charges (APC) के रूप में भारी रकम खर्च करते हैं। 2021 में, APC के तहत भारतीय Researchers ने ₹380 करोड़ खर्च किए थे। सरकार ने इस financial burden को कम करने के लिए Publishers के साथ बातचीत शुरू की है, ताकि सामूहिक दर पर सहमति बनाई जा सके। यह कदम भारतीय Researchers को सस्ती दरों पर अपने Research published करने में मदद करेगा, और उन्हें Global Platform पर अपनी जगह बनाने का अवसर देगा।
अब बात करते हैं कि वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पहल में, Information and Library Network की भूमिका क्या होगी?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पहल के सफल Implementation की जिम्मेदारी, Information and Library Network (INFLIBNET) को सौंपी गई है। INFLIBNET का उद्देश्य Research Materials को Integrated प्लेटफॉर्म पर लाना, Publishers के साथ बातचीत करना और Higher education institutions को Material प्रदान करना है। यह एजेंसी सुनिश्चित करेगी कि Higher education institutions को जर्नल्स तक सुगम और सस्ती पहुंच मिले। INFLIBNET के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी Institutions को समान स्तर की सुविधा प्राप्त हो, और Research Materials को व्यापक रूप से उपयोग में लाया जा सके।
अब बात करते हैं कि वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पहल Research को बढ़ावा देने की रणनीति कैसे है?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पहल का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य Higher education में Research को बढ़ावा देना है। इसके लिए, National Research Foundation (ANRF) और वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन ने संयुक्त रूप से कदम उठाए हैं। इस पहल के तहत, Researchers को high quality वाली Material प्रदान की जाएगी, जो उनके काम को Global Standards के अनुरूप बनाएगी। इसके अलावा, यह पहल सरकारी Institutions में Journals के उपयोग को अधिक गहराई से समझने, और अनावश्यक खर्च को खत्म करने में मदद करेगी। यह न केवल Researchers को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराएगी, बल्कि भारत के Research Scenario को भी मजबूती प्रदान करेगी।
अब बात करते हैं कि टियर-2 और टियर-3 शहरों को वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन से लाभ कैसे मिलेगा?
भारत के education sector में असमानता का एक बड़ा हिस्सा टियर-2 और टियर-3 शहरों में दिखाई देता है। यहां के Institutions में Quality research material तक पहुंच सीमित रहती है। वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पहल का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह इन शहरों के students, teachers और Researchers को high quality वाली Material प्रदान करेगी। इस पहल के जरिए Education और research में समानता लाई जा सकेगी, जो देश के हर कोने में Education की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का एक बड़ा सवाल यह है कि क्या इसे, Private higher education institutions तक भी विस्तारित किया जाएगा। फिलहाल, यह पहल केवल सरकारी Institutions पर केंद्रित है, लेकिन यदि Private Institutions को भी इसमें शामिल किया गया, तो इसका प्रभाव और भी व्यापक हो सकता है। सरकार इस पर विचार कर रही है और आने वाले समय में इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। इस योजना का लक्ष्य न केवल Research Materials की पहुंच को सरल बनाना है, बल्कि भारत के Higher education sector को Global Level पर Competitive बनाना भी है।
अब सवाल है कि वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का global महत्व और प्रभाव क्या होगा?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पहल केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि Global Level पर भी एक प्रेरणा बन सकती है। यह दिखाती है कि किस तरह सरकार, Policy measures और Strategic Investments के जरिए education sector में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। Integrated मंच के माध्यम से Research Materials की उपलब्धता से, भारत न केवल अपने छात्रों और शिक्षकों के लिए नए अवसर पैदा करेगा, बल्कि Global Education Community में भी अपनी एक मजबूत पहचान बनाएगा।
Conclusion:-
तो दोस्तों, वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना भारत के education sector में समानता और सुलभता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह न केवल high quality वाली Material को सुलभ बनाएगी, बल्कि Research और Education के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का भी वादा करती है। यह योजना उन लाखों students, teachers और Researchers को लाभ पहुंचाएगी, जो अब तक Quality Material तक पहुंचने में असमर्थ थे।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना न केवल, वर्तमान Education और Research Methodology को बदलने की क्षमता रखती है, बल्कि यह भविष्य में भारत को एक Education महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का वादा करती है। जैसे-जैसे यह पहल आगे बढ़ेगी, यह देश के education sector को मजबूत करने और छात्रों को Global Level पर Competition करने के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह पहल भारत के education sector में एक नई क्रांति का सूत्रपात करेगी, जिससे देश के हर कोने में Education और Research का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित होगा। अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
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