Trade War: ट्रंप और चीन के बीच तनातनी से भारत को मिल सकता है बड़ा फायदा I 2025

नमस्कार दोस्तों, कल्पना कीजिए, दुनिया के दो सबसे बड़े आर्थिक दिग्गज—अमेरिका और चीन—एक दूसरे के खिलाफ व्यापारिक जंग में कूद चुके हैं। यह सिर्फ दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि इसका असर पूरी global अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ एक और बड़ा फैसला लेते हुए उसके Products पर 10% का नया टैरिफ लगा दिया है। दूसरी ओर, चीन ने भी जवाबी हमला करते हुए अमेरिका से आने वाले कई Products पर 10 से 15% का टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है।

इस व्यापार युद्ध से अमेरिका और चीन को नुकसान होना तय है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या भारत इस लड़ाई से कोई फायदा उठा सकता है? क्या यह मौका भारत के लिए अपने व्यापार को मजबूत करने का है? क्या भारतीय कंपनियां इस स्थिति का लाभ उठाकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पकड़ बना सकती हैं? या फिर इस जंग का कोई नकारात्मक प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है? आज हम इसी मुद्दे की गहराई में जाएंगे और समझेंगे कि कैसे अमेरिका, और चीन के बीच छिड़ी यह टैरिफ जंग भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में तनाव क्यों बढ़ रहा है, और इसके पीछे क्या कारण हैं?

डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तभी से उन्होंने चीन के खिलाफ सख्त व्यापारिक नीतियां अपनाने की बात कही थी। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका का व्यापार घाटा चीन के कारण बढ़ रहा है, और इसी वजह से उन्होंने चीन पर कई प्रतिबंध लगाए। अब, 2025 में, यह जंग और तेज हो गई है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में चीन के सभी Imported Products पर 10% का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है।

इसका सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है क्योंकि अमेरिका चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी कोल, लिक्विफाइड गैस और ऑयल जैसे प्रमुख Products पर 15% टैरिफ लगाया है। इसके अलावा, agricultural products और मशीनरी पर 10% टैरिफ लगाने की भी घोषणा की गई है।

इतना ही नहीं, चीन ने अमेरिका की दो प्रमुख कंपनियों PVH Group और Illumina को अपनी “अविश्वसनीय कंपनियों की लिस्ट” में डाल दिया है, जिसका मतलब यह है कि इन कंपनियों को अब चीन में कारोबार करने में काफी मुश्किलें आएंगी। इस तरह, अमेरिका और चीन के बीच यह व्यापारिक जंग अब एक नए स्तर पर पहुंच चुकी है, जिसमें दोनों देशों को भारी आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। लेकिन भारत के लिए यह स्थिति एक सुनहरा अवसर बन सकती है।

भारत के लिए क्यों फायदेमंद साबित हो सकता है ये trade war?

भारत के लिए यह व्यापार युद्ध कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हम पिछली बार जब 2018 से 19 में अमेरिका और चीन के बीच trade war हुआ था तब के आंकड़ों को देखें, तो उस दौरान भारत को दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लाभार्थी माना गया था। भारत को इस जंग से दो बड़े फायदे हो सकते हैं।

पहला फायदा यह होगा कि भारतीय Export में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा। अमेरिका और चीन ने जब एक-दूसरे के सामानों पर भारी टैरिफ लगा दिया है, तो वे अब अपने आवश्यक Products के लिए दूसरे बाजारों की तलाश करेंगे। ऐसे में भारत के पास यह बेहतरीन मौका है कि वह अपने Products को अमेरिका और चीन, दोनों ही जगह ज्यादा से ज्यादा Export करे।

Experts का मानना है कि टेक्सटाइल, गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, ऑटो कंपोनेंट्स, मशीनरी और केमिकल्स जैसे सेक्टर इस स्थिति का सबसे ज्यादा फायदा उठा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका आमतौर पर चीन से इलेक्ट्रॉनिक सामान और मशीनरी Import करता था। लेकिन जब चीन पर टैरिफ बढ़ गया है, तो अमेरिका के लिए ये product महंगे हो जाएंगे। ऐसे में भारत के पास मौका है कि वह अपनी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा दे, और अमेरिकी बाजार में अपनी पैठ मजबूत करे।

दूसरा बड़ा फायदा यह होगा कि भारत में foreign investment (FDI) में जबरदस्त इजाफा हो सकता है। जब भी किसी देश में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, तो Investors अपने Investment को उन देशों की ओर शिफ्ट करने लगते हैं, जहां स्थिरता हो और बेहतर संभावनाएं दिखें। अमेरिका की चीन पर सख्ती के चलते कई दिग्गज कंपनियां अब चीन छोड़ने पर विचार कर रही हैं। ये कंपनियां भारत को एक बेहतर विकल्प के रूप में देख सकती हैं, क्योंकि भारत में कम लेबर कॉस्ट है, तेजी से बढ़ता मार्केट है और मजबूत सरकारी नीतियां हैं जो foreign investment को आकर्षित कर सकती हैं।

भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में क्या नया समीकरण बन सकता है, और इससे दोनों देशों को क्या लाभ होगा?

अगर हम भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों की बात करें, तो पिछले कुछ सालों में इसमें जबरदस्त उछाल आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जब यूएस-चीन trade war हुआ था, तब भारत का एक्सपोर्ट बढ़कर 72 से 73 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।

अगर हम ताजा ट्रेड डेटा देखें, तो 2023 से 24 के Financial Year के अप्रैल-नवंबर के बीच भारत और अमेरिका के बीच 83 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इसमें 53 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट और 30 अरब डॉलर का इंपोर्ट शामिल है। यह दर्शाता है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। ट्रंप की चीन विरोधी नीति भारत के लिए एक नया मौका बन सकती है। अमेरिका अगर चीन से अपने Import को कम करता है, तो वह भारत की तरफ देख सकता है, जिससे भारतीय मैन्युफैक्चरिंग और Export sector को जबरदस्त फायदा हो सकता है।

हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में एक सवाल यह भी उठता है कि क्या भारत भी अमेरिकी टैरिफ का शिकार हो सकता है? हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को टैरिफ की धमकी दी थी, जिसमें भारत भी एक संस्थापक सदस्य है। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच ऐसा कोई व्यापारिक समीकरण नहीं है, जिससे अमेरिका भारत पर टैरिफ लगा सके।

लेकिन अगर भविष्य में अमेरिका भारत पर टैरिफ लगाने की सोचता भी है, तो भारत के पास इसका सामना करने की पूरी रणनीति तैयार है। भारत की कूटनीति यही रहेगी कि वह अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करे, और इस स्थिति का स्मार्ट तरीके से फायदा उठाए।

Conclusion

तो दोस्तों, अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी यह व्यापारिक जंग भारत के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकती है। जब दुनिया के दो बड़े आर्थिक दिग्गज आपस में टकराते हैं, तो बाकी देशों के लिए नए अवसर पैदा होते हैं। भारत इस मौके का पूरा फायदा उठा सकता है अगर वह अपने Export को बढ़ाने पर ध्यान दे, और विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए Investment-friendly policies अपनाए।

इस स्थिति में भारत की रणनीति बहुत ही अहम होगी। अगर भारत ने सही कदम उठाए, तो आने वाले कुछ वर्षों में वह ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग हब के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है। तो दोस्तों, आपका क्या कहना है? क्या भारत इस trade war का फायदा उठाने में सफल होगा? हमें कमेंट सेक्शन में अपनी राय जरूर दें।

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