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Energy सेक्टर में बड़ा बदलाव! अब इस देश से आएगा ज्यादा तेल, पेट्रोल-डीजल हो सकता है सस्ता! 2025

petrol and diesel

नमस्कार दोस्तों, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाले नए प्रशासन की, तेल एवं गैस Production अधिकतम करने की योजनाओं को देखते हुए भारत में अधिक अमेरिकी ईंधन आने की संभावना है। यह बदलाव भारत की Energy strategy में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है, क्योंकि अभी तक भारत रणनीतिक रूप से रूस से अधिक तेल खरीद रहा था।

रूस, जो यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत को डिस्काउंट रेट पर कच्चा तेल उपलब्ध करा रहा था, अब Competition में आ सकता है। यदि अमेरिका से तेल की Supply बढ़ती है, तो इससे global market में संतुलन बदल सकता है, जिससे अन्य उत्पादक देशों को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे। लेकिन उससे पहले, अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं, तो कृपया चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें, ताकि हमारी हर नई वीडियो की अपडेट सबसे पहले आपको मिलती रहे। तो चलिए, बिना किसी देरी के आज की चर्चा शुरू करते हैं!

आपको बता दें कि जब से ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं अमेरिकी नीतियों में बदलाव के साथ, भारत के लिए Energy supply के विकल्प भी बदल रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्री ने Automobile Industry Association सियाम के एक कार्यक्रम में कहा कि, भारत को तेल की Supply करने वाले देशों की संख्या पहले ही 27 से बढ़कर 39 हो गई है और अगर इससे अधिक तेल आता है, तो भारत इसका स्वागत करेगा। पुरी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा तेल Excavation और गैस Production को बढ़ावा देने से, भारत को अमेरिकी तेल अधिक मात्रा में उपलब्ध हो सकता है।

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका और भारत के बीच ईंधन व्यापार में वृद्धि की संभावना है, जिससे घरेलू बाजार को लाभ हो सकता है। इस बढ़ती Supply के साथ, भारत को संभावित रूप से अधिक Energy security प्राप्त होगी, जिससे long term रूप से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता लाई जा सकती है।

इसके अलावा, इस नई Energy strategy का भारत की ईंधन कीमतों पर भी असर पड़ेगा। पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय तेल Supply पर निर्भर करती हैं, और यदि अमेरिका से अधिक तेल भारत आता है, तो इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद बढ़ जाती है।

पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि अगर अमेरिकी Production में वृद्धि होती है और भारत इससे अधिक मात्रा में तेल Import करता है, तो इससे न केवल Energy security बढ़ेगी बल्कि उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। भारत की Energy Policy को ध्यान में रखते हुए, सरकार इस बदलाव का लाभ उठाने के लिए रणनीतिक योजनाओं पर काम कर रही है, ताकि तेल की कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके और Long-term import costs को कम किया जा सके।

इसके अलावा, इस बढ़ती Energy supply से भारत के तेल शोधन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। अधिक कच्चा तेल आने से घरेलू रिफाइनरियों को अधिक Production करने का अवसर मिलेगा, जिससे पेट्रोलियम उत्पादों की लागत में कमी आ सकती है। भारतीय रिफाइनिंग कंपनियां, जैसे कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इस अवसर का लाभ उठाकर अपने Production क्षमता को और अधिक बढ़ा सकती हैं। यह देश की औद्योगिक वृद्धि को भी गति देगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, Energy Policy में यह बदलाव भारत की Energy exports संभावनाओं को भी बढ़ा सकता है। भारत पहले ही पेट्रोल और डीजल के प्रमुख exporters में शामिल हो चुका है और यदि Imported कच्चे तेल की Cost कम होती है, तो यह Export को और अधिक Competitive बना सकता है। यह कदम भारत को दक्षिण एशिया और अन्य global markets में एक प्रमुख ईंधन Supplier के रूप में स्थापित कर सकता है, जिससे देश को Global energy trade में अधिक महत्व मिल सकता है।

हालांकि, भारत सरकार इस बदलाव को लेकर सतर्कता से नजर बनाए हुए है। पुरी ने कहा कि हमारी सरकार नए अमेरिकी प्रशासन की घोषणाओं पर बहुत सावधानी से नजर रख रही है। ट्रंप प्रशासन द्वारा लिए गए कुछ निर्णय प्रत्याशित थे और इन पर प्रतिक्रिया देने से पहले इंतजार करने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने 2015 के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने के नए अमेरिकी सरकार के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

यह संकेत देता है कि भारत अपनी Energy जरूरतों को लेकर अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर सक्रिय रूप से नजर रख रहा है और सतर्कता बरत रहा है। इसके अलावा, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संभावित गिरावट के संकेतों के बीच, पुरी ने अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा जैसे देशों से अधिक तेल Supply का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत को अधिक कच्चा तेल सस्ती दरों पर मिलता है, तो यह न केवल पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम कर सकता है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी राहत प्रदान कर सकता है।

साथ ही, उन्होंने भारतीय वाहन निर्माताओं से अधिक एथनॉल मिश्रण वाले फ्लेक्स ईंधन वाहनों की उपलब्धता बढ़ाने की अपील की, जिससे ईंधन की लागत में और कमी आ सकती है। अगर एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ता है, तो इससे देश के पेट्रोलियम Import पर निर्भरता घटेगी और indigenous energy resources के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

साथ ही, इस रणनीतिक बदलाव से भारत को Long-term energy security भी मिलेगी। विभिन्न देशों से तेल खरीदने की नीति अपनाने से भारत किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा, और Global supply crisis के समय भी अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर पाएगा। इससे भारत को Energy market में अधिक लचीलापन मिलेगा और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की क्षमता मजबूत होगी।

साथ ही आपको बता दें कि भारत में energy sector में इस बदलाव में एक और महत्वपूर्ण पहलू एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम को भी देखा जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि देश बहुत जल्द 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने जा रहा है, जो निर्धारित समय से पांच साल पहले होगा। इस कदम से न केवल भारत की Energy निर्भरता में कमी आएगी, बल्कि देश का ईंधन Import बिल भी घटेगा।

कच्चे तेल का भारत के कुल Import में सबसे बड़ा हिस्सा होता है, और यदि 20 फीसदी एथनॉल मिलाया जाता है, तो यह बिल काफी हद तक कम किया जा सकता है। इससे long term रूप से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता लाई जा सकेगी और देश को foreign currency reserves को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही, इस पूरी रणनीति का long term प्रभाव भारत की Energy आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्थिरता पर भी पड़ेगा। अगर भारत अधिक सस्ता तेल खरीदने में सफल होता है और साथ ही एथनॉल मिश्रण को भी बढ़ाता है, तो इससे घरेलू ईंधन की कीमतों में स्थिरता आएगी। यह बदलाव भारत की Energy Policy में एक नया अध्याय जोड़ सकता है और उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत देने में सहायक साबित हो सकता है।

इसके अलावा, भारत की Long-term energy strategy को मजबूती मिलेगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आने वाले वर्षों में, इस नीति के तहत नए समझौते और साझेदारियां भी हो सकती हैं, जो भारत को Global Energy Market में एक प्रभावशाली खिलाड़ी बना सकती हैं।

Conclusion

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