Gig Workers के लिए बड़ी खुशखबरी: ओला-उबर, जोमैटो-स्विगी और अमेजन-फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय को मिलेगी नई पहचान और सुरक्षा! 2025

नमस्कार दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि जो डिलीवरी बॉय आपके घर तक खाना, ग्रॉसरी या ऑनलाइन ऑर्डर लेकर आता है, उसकी खुद की जिंदगी कैसी होती होगी? क्या आपने कभी यह महसूस किया है कि जो टैक्सी ड्राइवर आपको रात के अंधेरे में भी घर तक सुरक्षित पहुंचाता है, वह खुद कितनी असुरक्षा के बीच काम करता है? जो लोग हमारे जीवन को आसान बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, उनके पास खुद के लिए कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होती थी। लेकिन अब यह बदलने वाला है।

मोदी सरकार ने 2025 के आम बजट में Gig Workers के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि एक करोड़ गिग वर्कर्स को पहचान पत्र दिया जाएगा, और उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा। इसका मतलब है कि अब ओला-उबर के ड्राइवर, जोमैटो-स्विगी और अमेजन-फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉयज समेत कई अन्य Unorganized sector में काम करने वाले लोगों को, सरकारी योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा।

यह पहली बार है जब Gig Workers को एक आधिकारिक पहचान देने की पहल की गई है। इससे न केवल उनकी पहचान सुनिश्चित होगी, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं, बीमा और अन्य सरकारी लाभों से भी जोड़ा जाएगा। इस बजट से जुड़े फैसले उन लाखों लोगों की जिंदगी बदल सकते हैं, जो दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं और जिनके पास कोई निश्चित वेतन या नौकरी की सुरक्षा नहीं है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

Gig Workers को सरकारी पहचान क्यों दी गई, और इसका उनके रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

भारत में ऑनलाइन बिजनेस और डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। लोग अब पहले की तरह बाजार जाकर सामान खरीदने के बजाय, जोमैटो-स्विगी से खाना मंगवाते हैं, फ्लिपकार्ट-अमेजन से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं और ओला-उबर की टैक्सियों में सफर करते हैं। इन सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण Gig Workers की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

लेकिन इन गिग वर्कर्स के लिए किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं थी। वे न तो किसी सरकारी योजना के दायरे में आते थे, न ही उनके पास बीमा या पेंशन जैसी कोई सुविधा थी। जब वे काम करते हैं तो उनकी आमदनी होती है, लेकिन अगर वे बीमार हो जाएं, किसी दुर्घटना का शिकार हो जाएं या उम्र बढ़ने के कारण काम न कर पाएं, तो उनके पास कोई सुरक्षा नहीं होती थी।

इसी समस्या को हल करने के लिए मोदी सरकार ने Gig Workers को औपचारिक पहचान देने, और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत, गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा और उन्हें एक आधिकारिक पहचान पत्र दिया जाएगा। इससे वे भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठा सकेंगे।

Gig Workers को सरकारी पहचान मिलने से क्या फायदे होंगे, और इससे उनके कामकाजी जीवन पर क्या असर पड़ेगा?

वित्त मंत्री ने इस बजट में यह स्पष्ट किया कि Gig Workers को, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मिलेगी। इसका मतलब है कि अगर कोई गिग वर्कर बीमार होता है, तो उसे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल सकता है।

इसके अलावा, श्रम मंत्रालय Gig Workers के लिए एक्सीडेंटल बीमा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लागू करने की भी योजना बना रहा है। अब यदि कोई ओला-उबर का ड्राइवर, जोमैटो का डिलीवरी बॉय या किसी अन्य प्लेटफॉर्म वर्कर किसी दुर्घटना का शिकार होता है, तो उसे और उसके परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि अगर कोई व्यक्ति किसी प्लेटफॉर्म पर महीने में 90 घंटे, 120 घंटे या 160 घंटे से अधिक काम करता है, तो उसे बीमा और अन्य सरकारी लाभ दिए जाएं। यह तय करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई जाएगी, जो यह देखेगी कि Gig Workers के काम के घंटे के आधार पर उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिल सकती हैं।

एक करोड़ गिग वर्कर्स को सुरक्षा और पहचान कैसे मिलेगी, और इसका उनके भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

यह पहल उन सभी वर्कर्स के लिए वरदान साबित हो सकती है, जो Unorganized sector में काम कर रहे हैं। इससे ओला-उबर के ड्राइवरों, जोमैटो-स्विगी के डिलीवरी बॉयज, अमेजन-फ्लिपकार्ट के पार्सल डिलीवरी कर्मचारियों और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले Gig Workers को सीधा फायदा होगा। इन लोगों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है।

अनुमान के मुताबिक, भारत में 10 करोड़ से अधिक गिग वर्कर्स हैं, जो अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर काम कर रहे हैं। सरकार आने वाले समय में सभी गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करने की योजना बना रही है। सरकार के इस कदम से Gig Workers को भविष्य में बेहतर रोजगार सुरक्षा मिल सकेगी। उन्हें पेंशन, बीमा और अन्य सरकारी लाभों से भी जोड़ा जाएगा।

इसके अलावा, ओला और उबर के ड्राइवर कई वर्षों से इस बात की मांग कर रहे थे कि उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ मिले। उनका कहना था कि वे दिन-रात यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाते हैं, लेकिन उनके पास न तो कोई बीमा होता है, न ही पेंशन या कोई अन्य सुरक्षा। अब सरकार ने Gig Workers को औपचारिक रूप से एक मान्यता देने का निर्णय लिया है, जिससे टैक्सी ड्राइवरों को भी सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो भविष्य में ओला-उबर के ड्राइवरों को बीमा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य सरकारी लाभ मिल सकते हैं।

डिलीवरी बॉयज को कौन से नए लाभ मिल रहे हैं, और इससे उनके काम और जीवन पर क्या असर पड़ेगा?

जोमैटो, स्विगी, अमेजन और फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉयज़ इस योजना से सबसे अधिक लाभान्वित हो सकते हैं। डिलीवरी का काम कठिन होता है, उन्हें ट्रैफिक, खराब मौसम और लंबी यात्राओं का सामना करना पड़ता है। उनके पास कोई निश्चित वेतन नहीं होता, और अगर वे किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो उनके पास कोई बीमा सुविधा नहीं होती थी। अब सरकार की इस योजना के तहत, डिलीवरी बॉयज़ को भी सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। उन्हें एक्सीडेंटल बीमा और स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया जाएगा, जिससे उनकी जिंदगी और भी सुरक्षित बन सकेगी।

इसके अलावा, सरकार की इस पहल को अगर सही तरीके से लागू किया जाता है, तो यह भारत के Unorganized sector के मजदूरों के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा। इससे न केवल Gig Workers को फायदा होगा, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अब यह देखना होगा कि सरकार इस योजना को कब और कैसे लागू करती है। अगर यह योजना सही तरीके से अमल में आती है, तो लाखों गिग वर्कर्स को बेहतर जीवन जीने का मौका मिलेगा।

Conclusion

तो दोस्तों, मोदी सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम भारत में Gig Workers के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। अब ओला-उबर के ड्राइवर, जोमैटो-स्विगी के डिलीवरी बॉय और अमेजन-फ्लिपकार्ट के कर्मचारी पहली बार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।

अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो यह भारत के श्रमिकों की दशा को सुधारने में मदद करेगा। यह योजना उन लाखों लोगों के लिए राहत बनकर आई है, जो बिना किसी सुरक्षा के दिन-रात मेहनत कर रहे थे। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस योजना को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सफल होती है या नहीं?

अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love

Leave a Comment