Gray Market में बड़ा बदलाव! SEBI का नया नियम, लिस्टिंग से पहले भी संभव होगी शेयर ट्रेडिंग। 2025

नमस्कार दोस्तों, मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, (सेबी) शेयरों की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के पहले भी, ट्रेडिंग करने के लिए एक फॉर्मल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की बात पर विचार कर रहा है। यह कदम Investors के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उन्हें Gray Market के बजाय एक अधिक सुरक्षित और रेगुलेटेड वातावरण में ट्रेडिंग करने का अवसर मिलेगा।

यह न केवल Investors की सुरक्षा को बढ़ाएगा, बल्कि शेयर बाजार में Transparency भी लाएगा, जिससे लिस्टिंग से पहले होने वाली Irregular activities पर अंकुश लगाया जा सकेगा। अगर इस तरह के किसी प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया जाता है, तो Investor, Gray Market में होने वाली ट्रेडिंग की जगह सेबी द्वारा अधिकृत प्लेटफॉर्म पर प्री-लिस्टिंग ट्रेडिंग कर सकेंगे। इससे Investors के साथ Gray Market में कई बार होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं पर भी अंकुश लग सकेगा। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

आपको बता दें कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने हाल ही में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस भावी योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह नया प्लेटफॉर्म Investors को अधिक Transparency और सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे अनियमित बाजारों में फंसने से बच सकेंगे। इसके अलावा, यह प्लेटफॉर्म सभी प्रकार के Investors, खासकर छोटे और Retail investors के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे उन्हें संगठित और संरक्षित माहौल में ट्रेडिंग करने का अवसर मिलेगा। इस बदलाव से Institutional investors के लिए भी नए अवसर पैदा होंगे, जिससे वे पहले से अधिक सुरक्षित तरीके से अपने Investment कर सकेंगे।

इसके अलावा, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेबी की चेयरपर्सन ने Gray Market ट्रेडिंग का उल्लेख करते हुए कहा कि शेयरों के अलॉटमेंट से लेकर, शेयरों की लिस्टिंग होने तक लगभग तीन दिन की अवधि में काफी बड़े स्तर पर Informal ट्रेडिंग की जाती है। इसलिए अगर Investor लिस्टिंग के पहले ही ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो उन्हें मार्केट रेगुलेटर द्वारा रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म पर इस तरह की ट्रेडिंग करने का मौका मिलना चाहिए।

माधवी पुरी बुच का कहना था कि शेयरों के अलॉटमेंट के बाद लिस्टिंग होने तक Investor Formal रूप से ट्रेडिंग नहीं कर पाता है, लेकिन शेयरों के अलॉटमेंट के साथ ही Investor के पास उन शेयरों का स्वामित्व आ जाता है। ऐसे में अभी Investor लिस्टिंग के पहले ट्रेडिंग करने के लिए Gray Market की मदद लेते हैं, लेकिन अगर सेबी की ओर से एक रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म शुरू कर दिया जाए, तो Investor शेयरों का अलॉटमेंट होने के तुरंत बाद से ही Formal trading कर सकते हैं। इस कदम से न केवल Investors को अधिक नियंत्रण मिलेगा, बल्कि इससे बाजार में लिक्विडिटी भी बढ़ेगी, जिससे शेयरों की actual demand और Supply का आकलन अधिक सटीक हो सकेगा।

इसके अलावा, इस प्लेटफॉर्म के लागू होने से लिस्टिंग के समय होने वाली भारी वोलैटिलिटी को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। आमतौर पर जब कोई शेयर बाजार में लिस्ट होता है, तो शुरुआती कुछ घंटों में उसमें काफी उतार-चढ़ाव देखा जाता है। कई बार, Gray Market की वजह से Investor शेयरों को अधिक कीमत पर खरीद लेते हैं और लिस्टिंग के बाद कीमत गिरने पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। अगर सेबी द्वारा रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म पहले से मौजूद होता, तो Investors को शेयरों की सही कीमत का अंदाजा पहले ही लग जाता, और वे अधिक समझदारी से अपने Investment के फैसले ले सकते थे। इस पहल से बाजार में स्थिरता बढ़ेगी और नए Investors के लिए Risk कम होगा।

अभी तक की व्यवस्था में आईपीओ क्लोज होने के बाद Applicant के डी-मैट अकाउंट में शेयरों का अलॉटमेंट कर दिया जाता है। लिस्टिंग होने तक ये शेयर डी-मैट अकाउंट में फ्रीज रहते हैं। यानी इन शेयरों की लिस्टिंग होने तक ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है। शेयरों को फ्रिज रखने का उद्देश्य अनलिस्टेड शेयरों की अनऑर्गनाइज्ड प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग को रोकना होता है, ताकि Investors के साथ किसी तरह की धोखाधड़ी न हो जाए।

इसके बावजूद Gray Market में अनलिस्टेड शेयरों की ट्रेडिंग काफी लंबे समय से हो रही है, जिसमें कई बार Investors के साथ धोखाधड़ी भी हो जाती है। सेबी का प्रस्तावित प्लेटफॉर्म इस समस्या का समाधान हो सकता है, जिससे सभी Investors को एक पारदर्शी और सुरक्षित वातावरण में प्री-लिस्टिंग ट्रेडिंग का अवसर मिलेगा। यह कदम भारत में प्राथमिक बाजार को और अधिक मजबूत करेगा और छोटे Investors को बड़े Institutional investors के समकक्ष खड़ा करेगा।

आपको बता दें कि Gray Market पूरी तरह से अनरेगुलेटेड मार्केट है। इसलिए इसमें होने वाली ट्रेडिंग की वजह से किसी भी तरह के नुकसान के लिए स्टॉक मार्केट या मार्केट रेगुलेटर, सेबी जिम्मेदार नहीं होता है। हालांकि Gray Market में होने वाली ट्रेडिंग को आमतौर पर किसी भी शेयर की लिस्टिंग का इंडिकेटर माना जाता है। अगर Gray Market में शेयर को अच्छा प्रीमियम मिलता है, तो लिस्टिंग के समय उस शेयर का मूल्य भी उसी हिसाब से चढ़ने का अनुमान लगाया जाता है।

वहीं Gray Market में अगर किसी शेयर को फीका रिस्पॉन्स मिलता है, तो माना जाता है कि लिस्टिंग के समय भी Investors को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन सेबी के इस नए प्रस्तावित प्लेटफॉर्म के लागू होने से Gray Market की भूमिका काफी हद तक खत्म हो जाएगी, और Investor लिस्टिंग से पहले ही सही कीमत पर अपने शेयरों की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। यह बदलाव शेयर बाजार में अधिक Transparency लाएगा और Informal रूप से चलने वाले बाजारों पर अंकुश लगाएगा।

इसके अलावा, सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने लिस्टिंग के पहले ट्रेडिंग करने के लिए प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की योजना का खुलासा ऐसे समय पर किया है, जब प्राइमरी मार्केट में जम कर आईपीओ लॉन्चिंग हो रही है। साल 2024 में आईपीओ लॉन्चिंग के मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पूरे एशिया में सबसे आगे रहा है। माना जा रहा है कि 2025 के दौरान भी बड़े पैमाने पर आईपीओ की लॉन्चिंग हो सकती है। फिलहाल सेबी के पास 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आईपीओ प्रपोजल मंजूरी के लिए पड़े हुए हैं।

आने वाले दिनों में आईपीओ प्रपोजल्स की संख्या और बढ़ेगी। इस तरह 2025 भी आईपीओ लॉन्चिंग के मामले में नया रिकॉर्ड बनाने वाला साल साबित हो सकता है। इसीलिए अगर सेबी लिस्टिंग के पहले ट्रेडिंग करने के लिए फॉर्मल प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने की दिशा में आगे बढ़ता है, तो इससे Investors के पैसों को काफी हद तक सुरक्षित किया जा सकेगा। यह कदम भारत के वित्तीय बाजार को और अधिक विकसित करेगा, और Global investors को भी भारतीय शेयर बाजार में Investment करने के लिए आकर्षित करेगा।

Conclusion:-

“अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business YouTube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love

Leave a Comment