नमस्कार दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि 2023 में 5,100 करोड़पति और 2024 में अनुमानित 4,300 करोड़पति भारत छोड़कर अन्य देशों में बस गए? यह सिर्फ एक आकंड़ा नहीं है, बल्कि एक गंभीर चेतावनी है। भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जहां स्टार्टअप कल्चर तेजी से बढ़ रहा है, यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तेजी से पूरे हो रहे हैं, वहां से अमीरों का Migration चिंता का विषय क्यों बन गया है? क्या भारत में सिर्फ आर्थिक आंकड़े बढ़ रहे हैं और जमीनी हकीकत कुछ और है? आखिर क्यों भारत के टॉप बिजनेसमैन, सुपरस्टार्स और करोड़पति अपना देश छोड़कर दुबई, सिंगापुर, लंदन और न्यूयॉर्क जैसे देशों में बस रहे हैं? क्या यह सिर्फ टैक्स से बचने की रणनीति है, या इसके पीछे Quality of life और Administrative समस्याओं से निराशा छिपी है?
भारत में बढ़ती आर्थिक प्रगति के बावजूद अमीर भारतीयों का Migration क्यों हो रहा है?
भारत से अमीरों का Migration पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है, और यह महज संयोग नहीं है। हेनली प्राइवेट वेल्थ Migration रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 2023 में 5,100 करोड़पति भारत छोड़कर चले गए, जबकि 2024 में यह आंकड़ा लगभग 4,300 तक पहुंच सकता है। ये वे लोग हैं जो न केवल अपनी संपत्ति, बल्कि अपने परिवार और व्यवसायों के साथ विदेशों में शिफ्ट हो रहे हैं। यह स्थिति तब और अधिक चिंताजनक हो जाती है, जब हम यह देखते हैं कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। देश में स्टार्टअप्स का उफान है, नए-नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पूरे हो रहे हैं और सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसी पहल पर जोर दे रही है। फिर भी, अमीरों का देश छोड़ना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या आर्थिक प्रगति सिर्फ आंकड़ों तक सीमित है? क्या जमीनी स्तर पर जीवन की quality में कोई सुधार नहीं हो रहा?
1. टैक्सेशन और आर्थिक नीतियों की Complexity अमीर भारतीयों के Migration का मुख्य कारण।
भारत में टैक्स सिस्टम की Complexity और Higher Tax Rates अमीरों के Migration का एक मुख्य कारण हैं। भारत में इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स और इनहेरिटेंस टैक्स जैसे कई जटिल टैक्स स्ट्रक्चर हैं, जो high income group के लिए एक बड़ा बोझ साबित हो रहे हैं। कई अमीर भारतीय मानते हैं कि वे अपनी मेहनत और सफलता के लिए बहुत अधिक टैक्स चुका रहे हैं, जबकि इसके बदले में सार्वजनिक सुविधाओं का अभाव है। इसके विपरीत, दुबई, सिंगापुर और मॉल्टा जैसे देशों में टैक्स सिस्टम अधिक लचीला और Investors के लिए अनुकूल है। इसके अलावा, भारत में टैक्स कानूनों के बार-बार बदलने, कॉर्पोरेट टैक्सेशन में Complications और नौकरशाही के कारण व्यापारिक माहौल भी कठिन हो जाता है। कई अमीरों के लिए, ऐसी जगहों पर जाना जहां कम टैक्स और अधिक वित्तीय स्वतंत्रता मिलती है, ज्यादा आकर्षक लगता है।
2. जीवन स्तर की गुणवत्ता और सार्वजनिक सुविधाओं की कमी, अमीर भारतीयों के Migration का कारण।
अमीर भारतीयों के देश छोड़ने का एक और बड़ा कारण है—Quality of life और सार्वजनिक सुविधाओं का low level। भारत के कई महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, और कोलकाता में ट्रैफिक जाम, अत्यधिक प्रदूषण, illegal construction, और Poor public health services एक आम समस्या हैं। अमीर तबके के लोग चाहते हैं कि उन्हें एक साफ-सुथरा, सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण मिले। हालांकि, भारत में बड़े शहरों में भी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। इसके विपरीत, सिंगापुर, दुबई और लंदन जैसे शहरों में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छता और सुरक्षित आवासीय सुविधाएं मिलती हैं। वहां स्कूलिंग, हेल्थकेयर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी High Level का है।
3. कानूनी और प्रशासनिक जटिलताएं, अमीर भारतीयों के विदेश Migration का कारण।
भारत में कानूनी प्रणाली की Complexity और नौकरशाही में भ्रष्टाचार भी अमीरों के Migration का एक प्रमुख कारण है। व्यापारियों और Investors को लाइसेंस, अप्रूवल और सरकारी क्लियरेंस के लिए कई बार महीनों इंतजार करना पड़ता है। कई बार छोटी-छोटी प्रक्रियाओं में भी अत्यधिक भ्रष्टाचार और देरी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, भारत में कानूनी मुकदमों का निपटारा वर्षों तक लंबित रहता है। अमीर वर्ग, जो व्यवसायिक स्थिरता चाहता है, वह ऐसी परिस्थितियों में अपना व्यापार सुचारू रूप से नहीं चला पाता। इसके विपरीत, सिंगापुर, दुबई और यूके जैसे देशों में कानूनी प्रक्रियाएं सरल, पारदर्शी और समयबद्ध होती हैं, जिससे अमीर Investors वहां बसने को प्राथमिकता देते हैं।
4. गोल्डन वीज़ा और Citizenship schemes अमीर भारतीयों के Migration को प्रभावित कर रही हैं।
गोल्डन वीज़ा और Citizenship schemes भी अमीर भारतीयों के देश छोड़ने का एक बड़ा कारण हैं। दुबई, माल्टा, पुर्तगाल, यूनान और सिंगापुर जैसे देशों ने अमीर Investors को आकर्षित करने के लिए गोल्डन वीज़ा प्रोग्राम लॉन्च किए हैं। इस स्कीम के तहत, एक निश्चित राशि का Investment करने पर Permanent Residence या Citizenship मिल जाती है। उदाहरण के लिए, दुबई में करीब 2.5 करोड़ रुपये का Investment कर गोल्डन वीज़ा प्राप्त किया जा सकता है। इन योजनाओं में टैक्स लाभ, high standard of living और व्यापार में आसान नियमों जैसे फायदे मिलते हैं, जो अमीर भारतीयों को आकर्षित करते हैं।
5. सामाजिक असमानता और सांस्कृतिक असंतोष अमीर भारतीयों के विदेश Migration का कारण बन रहे हैं।
भारत में सामाजिक असमानता और सांस्कृतिक असंतोष भी अमीरों के Migration का एक महत्वपूर्ण कारण है। अमीरों के खिलाफ बढ़ती नकारात्मक धारणा और मीडिया में लगातार उनकी आलोचना ने भी उनके Migration में भूमिका निभाई है। साथ ही, धार्मिक और communal tension, Political instability और बढ़ती Intolerance ने भी कुछ अमीरों को देश छोड़ने के लिए प्रेरित किया है।
अमीर भारतीयों के Migration का भारत की अर्थव्यवस्था और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अमीर भारतीयों का इस तरह देश छोड़ना भारत के लिए केवल आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि यह ब्रेन ड्रेन और कैपिटल ड्रेन का संकेत है। यह न केवल Investment को कम करता है, बल्कि देश के आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है। जब टॉप बिजनेसमैन और उद्योगपति विदेशों में बस जाते हैं, तो इससे स्टार्टअप इकोसिस्टम और इनोवेशन को भी नुकसान होता है।
Conclusion
तो दोस्तों, अमीर भारतीयों का देश छोड़ना एक गंभीर चेतावनी है। यह संकेत देता है कि भारत में अभी भी standard of living, taxation और Administrative सुधारों की बहुत आवश्यकता है। अगर भारत को सच में विकसित राष्ट्र बनाना है, तो केवल आर्थिक विकास के आंकड़ों पर नहीं, बल्कि जीवन की quality, पारदर्शी शासन और नागरिक सुविधाओं पर ध्यान देना होगा। अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”