Resilient: Petrochemical क्षेत्र में भारत का भविष्य चीन के ‘डंपिंग’ खतरे से बचने के उपाय I 2025

नमस्कार दोस्तों, Petrochemical Industry, भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है, लेकिन यह उद्योग वर्तमान समय में गहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। चीन और अन्य देशों से आने वाले सस्ते Products के कारण भारतीय बाजार में ‘डंपिंग’ का खतरा मंडरा रहा है। यह न केवल Domestic Industry को कमजोर कर रहा है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिरता को भी चुनौती दे रहा है। चीन जैसे देश कम Import duty का फायदा उठाकर सस्ते Products को भारतीय बाजार में भर रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए (FICCI) की Petrochemicals एवं Plastics Committee ने, सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। फिक्की ने Ministry of Chemicals and Fertilizers को पत्र लिखकर, Polypropylene और Polyethylene पर Import duty 7.5% से बढ़ाकर 12.5% करने की मांग की है। इस कदम का उद्देश्य भारतीय Producers को सशक्त बनाना और ‘डंपिंग’ के खतरे से बचाना है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

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भारत में Petrochemical Products की बढ़ती मांग, और domestic production की कमी से भविष्य में क्या चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं, और इसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या कदम उठाने की जरूरत है?

भारत में Petrochemical products की मांग हर साल तेजी से बढ़ रही है, लेकिन domestic production इस मांग को पूरा करने में असमर्थ है। Polypropylene और Polyethylene जैसे Products का उपयोग Automotive, Packaging, Agriculture, Medical Equipment, और Construction जैसे कई क्षेत्रों में होता है। ये product आधुनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। 2030 तक Polypropylene और Polyethylene की अनुमानित कमी 1.2 करोड़ टन प्रति वर्ष हो सकती है, जिसका financial burden लगभग 12 अरब अमेरिकी डॉलर तक हो सकता है। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि domestic production में सुधार नहीं होता, तो यह कमी Import पर हमारी निर्भरता को और बढ़ा सकती है, जिससे Foreign Exchange का बड़ा नुकसान होगा।

चीन के बढ़ते Petrochemical exports से भारत की Import Dependencies, और Domestic producers की Competition पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, और इसे कैसे संभाला जा सकता है?

चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी Petrochemical Production क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। वह अब Global Market में एक प्रमुख Exporter बन चुका है। Indian producers, जो पहले से ही चक्रीय संकट का सामना कर रहे हैं, चीन के सस्ते Products की चुनौती से और अधिक दबाव में आ गए हैं। भारत अपने Petrochemical products के Import के लिए मुख्यतः पश्चिम एशिया और अमेरिका पर निर्भर था, लेकिन अब चीन ने अपने सस्ते Products से भारतीय बाजार में जगह बना ली है। यह स्थिति Domestic producers की Competitiveness और लाभप्रदता को प्रभावित कर रही है। भारतीय उद्योग को इस चुनौती का सामना करने के लिए मजबूत नीतियों और ठोस समर्थन की आवश्यकता है।

फिक्की ने सरकार से Petrochemical Products पर Import duty बढ़ाने की मांग क्यों की है, और यह घरेलू उद्योग और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को कैसे समर्थन देगा?

फिक्की ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि Polypropylene और Polyethylene पर, Import duty बढ़ाकर 12.5% करना समय की जरूरत है। उनका तर्क है कि यह कदम Domestic producers को सशक्त करेगा, और Foreign competition का सामना करने में उनकी मदद करेगा। फिक्की ने यह भी कहा कि Chemicals और Petrochemicals भारत में Import की दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी है। वर्तमान में, इन Products का Import 101 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है। Import duty में वृद्धि से Domestic producers को अपनी Production Capacity का पूरा उपयोग करने, और नए Investment को आकर्षित करने का अवसर मिलेगा। यह कदम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूती देगा।

Import पर निर्भरता, भारत के current account deficit और domestic market को कैसे प्रभावित कर रही है, और Import duty बढ़ाने से इसका समाधान कैसे हो सकता है?

Import पर अत्यधिक निर्भरता केवल Domestic producers के लिए चुनौती नहीं है, बल्कि यह देश के Current Account Deficit को भी बढ़ा रही है। विदेशी Products की भरमार के कारण Domestic Industry कमजोर हो रही है, और उनकी Production Capacity का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। फिक्की का मानना है कि Import duty बढ़ाने से Domestic producers को न केवल बाजार में Competition करने का मौका मिलेगा, बल्कि चालू खाते के घाटे को भी कम किया जा सकेगा। यह कदम भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा और विदेशी मुद्रा की बचत में मदद करेगा।

Indian Chemicals Industry के विकास में क्या अवसर और चुनौतियां हैं, और Global Competition के लिए इसे किन सुधारों की आवश्यकता है?

Indian Chemicals Industry देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह उद्योग Automotive, Textile, Pharmaceuticals, Personal Care, और Construction जैसे क्षेत्रों को सपोर्ट करता है। वर्तमान में, यह उद्योग 155 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य का है और 2025 तक 9.3% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, Domestic producers और मांग के बीच का अंतर बढ़ रहा है। यह अंतर न केवल Import पर निर्भरता को बढ़ा रहा है, बल्कि नए Investment की कमी के कारण इस उद्योग के विकास को भी बाधित कर रहा है। Global Level पर Competition करने के लिए भारत को अपने Logistics, Infrastructure और Policy frameworks में सुधार करने की आवश्यकता है।

Import duty बढ़ाने से Domestic industry, foreign exchange savings, और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

Import duty बढ़ाने से कई सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। पहला, यह Domestic producers को बाजार में Competition करने का मौका देगा। दूसरा, यह कदम Chemicals और Petrochemical Industry में नए Investment को प्रोत्साहित करेगा। तीसरा, विदेशी मुद्रा की बचत होगी, जिससे current account deficit कम होगा। चौथा, Domestic Industry के विस्तार से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। यह कदम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह न केवल Indian producers को सशक्त बनाएगा, बल्कि Global Market में उनकी स्थिति को भी मजबूत करेगा।

चीन से सस्ते उत्पादों कीडंपिंगभारतीय उद्योग और बाजार की स्थिरता को कैसे प्रभावित कर रही है, और इससे निपटने के लिए भारत को क्या कदम उठाने चाहिए?

चीन के सस्ते Products की Supply ने भारतीय उद्योग के लिए एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। ‘डंपिंग’ का यह खतरा न केवल Domestic producers को कमजोर कर रहा है, बल्कि भारतीय बाजार की स्थिरता को भी प्रभावित कर रहा है। भारत को इस चुनौती का सामना करने के लिए Import duty बढ़ाने जैसे ठोस कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही, सरकार को Domestic Industry को लॉजिस्टिक और वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी। यह कदम आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत पहल होगी।

Conclusion:-

तो दोस्तों, भारतीय Chemicals और Petrochemical Industry के सामने चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन यह उद्योग देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रस्तुत करता है। Import duty बढ़ाने का प्रस्ताव Domestic Industry को मजबूत करने, और Foreign competition का सामना करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

सरकार का निर्णय न केवल इस उद्योग के लिए, बल्कि देश के आर्थिक भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस चुनौती का सामना कैसे करता है और आत्मनिर्भरता की दिशा में अपने कदम कैसे बढ़ाता है। अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

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