नमस्कार दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कार या बाइक अचानक सड़क पर रोक ली जाए, और आपको कहा जाए कि अब आप अपनी गाड़ी नहीं चला सकते क्योंकि आपके पास PUC Certificate नहीं है? सोचिए अगर आपकी गाड़ी का इंजन एकदम सही है, प्रदूषण भी नहीं कर रही है, लेकिन फिर भी आपको गाड़ी चलाने से रोका जाए। आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्यों?
ऐसा इसलिए क्योंकि अब सरकार ने एक नया नियम लागू कर दिया है जो सीधे आपकी गाड़ी से जुड़ा हुआ है। अब अगर आपकी गाड़ी के शीशे पर हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और तीसरा नंबर प्लेट वाला स्टिकर नहीं लगा है, तो आपको PUC सर्टिफिकेट (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) नहीं मिलेगा। यह नियम दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लागू किया है।
इसका मतलब यह है कि अगर आपकी गाड़ी के शीशे पर यह स्टिकर नहीं होगा, तो आपकी गाड़ी का PUC बन ही नहीं पाएगा। यानी न सिर्फ आप बिना PUC के सड़क पर गाड़ी नहीं चला पाएंगे, बल्कि बिना PUC के आपकी गाड़ी का बीमा भी अवैध हो जाएगा और ट्रैफिक पुलिस कभी भी आपकी गाड़ी को जब्त कर सकती है। आखिर ऐसा क्यों किया गया है? सरकार के इस नए आदेश के पीछे की असली वजह क्या है? इस नियम से आम लोगों की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
दिल्ली सरकार ने हाल ही में पॉल्युशन कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। इससे पहले सरकार ने यह आदेश दिया था कि अगर किसी वाहन का PUC Certificate नहीं बना है, तो उसे पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। यानी अगर आप अपनी गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट अपडेट नहीं रखते हैं, तो आपको पेट्रोल या डीजल तक नहीं मिलेगा।
लेकिन अब सरकार ने इस नियम को और सख्त बना दिया है। अब उन वाहनों का PUC Certificate भी नहीं बनेगा जिनकी विंडस्क्रीन पर, हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और तीसरा नंबर प्लेट वाला स्टिकर नहीं होगा। यह स्टिकर क्रोमियम-आधारित होता है और इसे वाहन के सामने के शीशे के बाईं ओर लगाया जाता है।
इस नियम को लागू करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा था कि एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) में चलने वाले सभी वाहनों पर, हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और रंग-कोडित स्टिकर (तीसरा नंबर प्लेट) होना जरूरी है।
यह नियम इसलिए लाया गया था ताकि गाड़ियों की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लेकिन अब दिल्ली सरकार ने इस नियम को और कड़ा कर दिया है। अब अगर किसी वाहन पर यह स्टिकर नहीं है, तो उसका PUC Certificate जारी ही नहीं होगा। यानी बिना स्टिकर वाली गाड़ी का प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनवाना असंभव हो जाएगा।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इस आदेश के तहत सभी अधिकृत PUC केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि अगर किसी गाड़ी पर तीसरा नंबर प्लेट नहीं है, तो उसे PUC Certificate जारी न करें। इसके अलावा, सरकार ने SMS के जरिए वाहन मालिकों को इस नए नियम के बारे में जानकारी देना शुरू कर दिया है।
जिन वाहन मालिकों की गाड़ियों पर HSRP और तीसरा नंबर प्लेट नहीं है, उन्हें मैसेज भेजकर सूचित किया जा रहा है कि बिना स्टिकर के उनका PUC नहीं बनाया जाएगा। सरकार ने IT विभाग को भी निर्देश दिया है कि अगर गलती से भी किसी वाहन का PUC सर्टिफिकेट जारी हो जाता है, तो उसे सरकार के “वाहन” पोर्टल पर अपडेट न किया जाए।
सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ने वाला है जो अपने वाहनों की मेंटेनेंस को लेकर लापरवाह रहते हैं। कई वाहन मालिकों के पास PUC Certificate नहीं होता है और वे इसे अपडेट भी नहीं कराते।
लेकिन अब उन्हें इस नए नियम का पालन करना ही होगा। क्योंकि अगर गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट नहीं बना होगा, तो आप अपनी गाड़ी का बीमा भी नहीं करा पाएंगे। बीमा कंपनियां बिना वैध PUC के इंश्योरेंस जारी नहीं करेंगी। और अगर आपने बिना PUC के गाड़ी चलाई, तो ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी का चालान काट सकती है या आपकी गाड़ी को जब्त कर सकती है।
PUC Certificate की अहमियत को समझने के लिए आपको यह जानना जरूरी है कि, यह सर्टिफिकेट यह प्रमाणित करता है कि आपकी गाड़ी से निकलने वाला धुआं और प्रदूषण भारतीय मानकों के तहत स्वीकार्य सीमा के भीतर है। अगर आपकी गाड़ी का प्रदूषण स्तर मानकों से अधिक है, तो आपका PUC सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। PUC Certificate का नवीनीकरण समय-समय पर जरूरी होता है। आमतौर पर पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए हर 6 महीने में यह सर्टिफिकेट रिन्यू कराना पड़ता है।
अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है और बिना PUC के गाड़ी चलाता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, बिना PUC के गाड़ी चलाने पर पहली बार 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी को जब्त भी कर सकती है। अगर दोबारा बिना PUC के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं, तो जुर्माना और अधिक हो सकता है। यही नहीं, अगर आपकी गाड़ी का प्रदूषण स्तर अधिक पाया जाता है, तो आपकी गाड़ी को फिटनेस टेस्ट के लिए भी भेजा जा सकता है।
हालांकि, सरकार का यह कदम सिर्फ वाहन मालिकों को परेशान करने के लिए नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है। सर्दियों के मौसम में Air Quality Index 400 से ऊपर चला जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। दिल्ली सरकार चाहती है कि सभी वाहन clean fuel का उपयोग करें और प्रदूषण को नियंत्रित रखें।
इसके अलावा, HSRP और तीसरा नंबर प्लेट का मुख्य उद्देश्य वाहन की पहचान को आसान बनाना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह स्टिकर क्रोमियम-आधारित होता है और इसे हटाना या नकली बनाना मुश्किल होता है। इसके जरिए ट्रैफिक पुलिस वाहन की वास्तविक स्थिति और मालिक की जानकारी को आसानी से ट्रैक कर सकती है। अगर कोई वाहन चोरी हो जाता है, तो इस स्टिकर के जरिए उस वाहन की लोकेशन को ट्रेस किया जा सकता है।
अब सवाल यह है कि वाहन मालिक इस नए नियम के तहत अपनी गाड़ियों पर स्टिकर कैसे लगवाएं? वाहन मालिकों को सबसे पहले अपनी गाड़ी पर HSRP प्लेट लगवानी होगी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ तीसरा नंबर प्लेट वाला स्टिकर लगवाना होगा। यह स्टिकर अधिकृत डीलरशिप और परिवहन विभाग के माध्यम से ही जारी किया जाएगा।
इस नियम के लागू होने के बाद अब वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों की स्थिति को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा। अब केवल गाड़ी की फिटनेस ही नहीं, बल्कि उसकी पहचान और रजिस्ट्रेशन भी उतना ही जरूरी हो गया है। अब अगर आपकी गाड़ी पर यह स्टिकर नहीं होगा, तो आपकी गाड़ी का PUC Certificate बनना नामुमकिन हो जाएगा। इससे सरकार को प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और साथ ही ट्रैफिक नियमों को भी सख्ती से लागू किया जा सकेगा। यह नया नियम वाहन मालिकों के लिए एक बड़ा झटका जरूर है, लेकिन लंबे समय में इससे प्रदूषण और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार देखने को मिलेगा।
Conclusion
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