Ray Dalio ने अमेरिका के कर्ज संकट पर जताई चिंता, क्या निवेशकों के लिए नया मौका? 2025

नमस्कार दोस्तों, साल 2008 की Global economic recession आज भी दुनिया के लोगों के जेहन में ताजा है। उस वक्त अमेरिका के कर्ज संकट ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया था। लाखों लोगों की नौकरियां चली गई थीं, करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था और दुनिया के शेयर बाजार बुरी तरह धराशायी हो गए थे। अब एक बार फिर अमेरिका में वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है। ब्रिजवाटर एसोसिएट्स के Chief Investment Officer, (CIO) Ray Dalio ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के बढ़ते कर्ज का असर सिर्फ उसकी अपनी अर्थव्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि पूरी Global अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

Ray Dalio ने साफ कहा है कि अमेरिका को बड़ी मात्रा में कर्ज बेचना होगा, लेकिन इसे खरीदने के लिए पर्याप्त खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इस स्थिति को उन्होंने “गंभीर आर्थिक संकट” करार दिया है। लेकिन इस बार स्थिति 2008 से भी ज्यादा गंभीर हो सकती है। इसकी वजह यह है कि इस बार ट्रंप की आर्थिक नीतियां इस स्थिति को और बदतर बना रही हैं। ट्रंप के टैरिफ वॉर और Protectionist नीतियों की वजह से Global व्यापार पहले ही तनाव में है। अगर अमेरिका का कर्ज संकट बढ़ा, तो इसका असर भारत, चीन, यूरोप समेत पूरी दुनिया पर देखने को मिलेगा। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

Ray Dalio की यह चेतावनी ऐसे समय आई है, जब अमेरिका की अर्थव्यवस्था पहले से ही कई तरह की समस्याओं से जूझ रही है। अमेरिकी डॉलर का मूल्य लगातार गिर रहा है। अमेरिका का बजट घाटा अपने highest level पर पहुंच चुका है। साल 2024 के अंत तक अमेरिका का राष्ट्रीय घाटा 7.2% तक पहुंच गया है, जो उसकी GDP के अनुपात में बेहद खतरनाक स्थिति है।

Ray Dalio ने साफ कहा है कि अगर अमेरिका इस घाटे को 3% तक नहीं लाता, तो आने वाले समय में इसे संभालना मुश्किल होगा। अमेरिका ने हाल ही में अपने कर्ज की सीमा को भी बढ़ाया है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में वृद्धि की है, ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके। लेकिन इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर दोहरा असर पड़ रहा है। एक तरफ महंगाई दर बढ़ रही है, दूसरी तरफ कंपनियों की फंडिंग लागत भी बढ़ रही है। इससे कंपनियों का मुनाफा कम हो रहा है और नौकरियों में कटौती की स्थिति बन रही है।

इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरें 5.25% तक बढ़ा दी हैं, जो पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा है। इससे कर्ज लेना महंगा हो गया है। अमेरिकी सरकार को अब कर्ज पर पहले से कहीं ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ रहा है। Ray Dalio ने इसे “डेथ सर्कल” करार दिया है। उनका कहना है कि अमेरिका को कर्ज चुकाने के लिए और कर्ज लेना पड़ रहा है। इससे अमेरिका का बजट घाटा और ज्यादा बढ़ता जा रहा है। अगर अमेरिका इस स्थिति से नहीं निकल पाया, तो यह संकट 2008 के संकट से भी बड़ा हो सकता है।

Ray Dalio ने इस संकट के समाधान को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका के पास इस स्थिति से निकलने के तीन ही रास्ते हैं। पहला रास्ता यह है कि अमेरिका अपने कर्ज को री-स्ट्रक्चर करे यानी नए सिरे से कर्ज के Payment की योजना बनाए। दूसरा रास्ता यह है कि अमेरिका दूसरे देशों से अपने कर्ज खरीदने का दबाव बनाए।

तीसरा रास्ता यह है कि अमेरिका कुछ देशों के कर्ज Payment पर रोक लगा दे। लेकिन इन तीनों ही स्थितियों में Global अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। अगर अमेरिका अपने कर्ज का Payment नहीं कर पाता है, तो इससे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार में विश्वास की कमी हो जाएगी। इससे डॉलर की वैल्यू गिर सकती है। अगर डॉलर कमजोर हुआ, तो इससे भारत और चीन जैसे देशों के Export पर भी असर पड़ेगा।

इसके अलावा, Ray Dalio ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा है कि इस तरह की स्थिति 1930 के दशक में जर्मनी में भी पैदा हुई थी। उस वक्त जर्मनी ने कर्ज संकट से निपटने के लिए (Import Duty) बढ़ा दिए थे। इससे Global व्यापार में गिरावट आई थी और इससे महंगाई बढ़ गई थी।

अमेरिका में भी अब वही स्थिति बन रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से Import होने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगा दिया है। इसके अलावा, ट्रंप ने यूरोप और कनाडा से Import होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भी भारी शुल्क लगाया है। इससे अमेरिका के Import की लागत बढ़ गई है और कंपनियों का मुनाफा घट रहा है।

Ray Dalio ने साफ कहा है कि अगर अमेरिका का कर्ज संकट बढ़ा, तो इससे Global व्यापार पर असर पड़ेगा। अगर अमेरिका अपने कर्ज का Payment करने में विफल रहता है, तो इससे डॉलर की वैल्यू में गिरावट होगी। इससे भारत समेत अन्य विकासशील देशों को आर्थिक झटका लगेगा। इसके अलावा, अगर अमेरिका में मंदी आई, तो इससे चीन और यूरोप का Export भी प्रभावित होगा। Ray Dalio ने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिए अमेरिका को तुरंत अपने बजट घाटे को नियंत्रित करना होगा, और Global व्यापार नीतियों में बदलाव करने होंगे।

Ray Dalio ने ट्रंप की आर्थिक नीतियों को इस संकट का बड़ा कारण बताया है। उन्होंने कहा है कि ट्रंप ने अमेरिका को एक तरह के “इकोनॉमिक आइसोलेशन” में डाल दिया है। ट्रंप ने न केवल चीन के साथ टैरिफ वॉर छेड़ा है, बल्कि यूरोप, कनाडा और मैक्सिको के साथ भी व्यापारिक तनाव बढ़ा दिया है। इससे Global सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है। कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ रही है और इससे महंगाई भी बढ़ रही है।

इसके अलावा, Ray Dalio ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने इस संकट से तुरंत निपटने के उपाय नहीं किए, तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह संकट 2008 के संकट से भी बड़ा हो सकता है। 2008 में केवल Financial sector प्रभावित हुआ था, लेकिन इस बार संकट का असर पूरी Global अर्थव्यवस्था पर होगा। इससे भारत और चीन जैसे उभरते बाजारों की विकास दर भी प्रभावित होगी। भारत का IT सेक्टर और Export पर भी इस संकट का असर पड़ेगा।

Ray Dalio की इस चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने 2008 के संकट की भी सटीक भविष्यवाणी की थी। उस वक्त उनकी चेतावनी को नजरअंदाज किया गया था और बाद में दुनिया को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। अगर अमेरिका का कर्ज संकट बढ़ा, तो इससे भारतीय शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। भारतीय रुपया कमजोर हो सकता है और इससे महंगाई बढ़ सकती है। भारत के foreign currency reserves पर भी इसका असर पड़ेगा।

अमेरिका का यह संकट Global अर्थव्यवस्था के लिए एक चेतावनी है। Ray Dalio ने साफ कहा है कि अगर अमेरिका ने तुरंत इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दो से तीन सालों में दुनिया को 2008 से भी बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। सवाल यह है कि क्या अमेरिका इस स्थिति से बाहर निकल पाएगा? या फिर दुनिया को एक बार फिर आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा? जवाब तो समय ही देगा, लेकिन फिलहाल अमेरिका का कर्ज संकट दुनिया के लिए एक बड़े खतरे का संकेत दे रहा है।

Conclusion

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