नमस्कार दोस्तों, जब भी नोटों से जुड़ी कोई खबर सामने आती है, लोगों के कान खड़े हो जाते हैं। अगर खबर नए नोटों के आने की हो, तो यह चर्चा भी शुरू हो जाती है कि क्या पुराने नोटों को बंद किया जा रहा है? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 100 और 200 रुपये के नए नोट जारी करने की घोषणा की है।
इस खबर ने बाजार में हलचल मचा दी है। लोग सोच रहे हैं कि क्या पुराने 100 और 200 के नोट चलन से बाहर होने वाले हैं? क्या यह 2016 जैसी नोटबंदी की आहट है? इन सवालों के जवाब जानना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि जब भी भारतीय रिजर्व बैंक नोटों को लेकर कोई फैसला लेता है, तो इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था और आम लोगों की जिंदगी पर पड़ता है। क्या वाकई पुराने नोटों को बंद किया जाएगा या फिर नए नोट महज एक औपचारिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं? आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर नए नोट जारी करता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं। सबसे पहला कारण होता है नोटों की Quality में सुधार करना। जब बाजार में मौजूद करेंसी काफी पुरानी हो जाती है, तो उसकी छपाई की Quality गिर जाती है और उसका चलन कम हो जाता है। ऐसे में नए नोट जारी करना जरूरी हो जाता है।
दूसरा कारण यह होता है कि नोटों के डिजाइन को लेकर कुछ बदलाव किए जाएं ताकि नकली नोटों पर लगाम लगाई जा सके। इसके अलावा, जब भी RBI के गवर्नर की नियुक्ति होती है, तो नए गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नए नोट जारी किए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि करेंसी नोट पर गवर्नर के हस्ताक्षर की updated status स्पष्ट हो सके। इस बार 100 और 200 रुपये के नए नोट जारी करने का मुख्य कारण भी यही है।

रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में पदभार ग्रहण किया है। ऐसे में उनके हस्ताक्षर वाले नए नोट जारी किए जाएंगे। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे पहले जब शक्तिकांत दास गवर्नर बने थे, तब उनके हस्ताक्षर वाले नए नोट जारी किए गए थे। इस बार भी RBI ने साफ कर दिया है कि 100 और 200 के नए नोट सिर्फ नए गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ बाजार में लाए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि पुराने 100 और 200 के नोट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वे बाजार में पहले की तरह चलते रहेंगे।
हालांकि, लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि अगर नए नोट आ रहे हैं, तो पुराने नोटों का क्या होगा? RBI ने इस पर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि नए नोट जारी होने के बाद भी पुराने नोट मान्य रहेंगे। पुराने 100 और 200 के नोट चलन में बने रहेंगे और इन्हें बैंक में बदलने या वापस करने की जरूरत नहीं होगी। इसका अर्थ यह है कि नए नोटों का जारी होना सिर्फ एक सामान्य प्रक्रिया है, इसका पुराने नोटों को बंद करने से कोई लेना-देना नहीं है।
इस मामले में सबसे बड़ा डर लोगों के मन में 2016 की नोटबंदी के बाद से बैठा हुआ है। नवंबर 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को रातों-रात चलन से बाहर कर दिया था, तब देशभर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था।
बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। उस समय सरकार ने 2000 रुपये के नोट को पहली बार लॉन्च किया था। लेकिन मई 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को भी चलन से बाहर कर दिया। उस समय भी लोगों में डर का माहौल था कि कहीं बाकी करेंसी भी बंद न हो जाए।
2016 की नोटबंदी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा पड़ा था। उस समय बाजार से करीब 86% नकदी गायब हो गई थी। इससे कारोबार और व्यापार पर गहरा असर पड़ा था। छोटे व्यापारी और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। हालांकि, सरकार का तर्क था कि नोटबंदी का उद्देश्य काले धन पर लगाम लगाना और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना था। सरकार का यह दावा कुछ हद तक सही भी साबित हुआ, क्योंकि नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन में तेजी आई थी।
2000 के नोट को बंद करने के बाद भी नकदी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। मार्च 2017 में भारतीय बाजार में कुल नकदी का प्रचलन करीब 13 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन मार्च 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इससे साफ है कि देश में नकदी का प्रचलन पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा बढ़ चुका है।
हालांकि, डिजिटल लेन-देन का चलन भी तेजी से बढ़ा है। मार्च 2020 में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के जरिए कुल लेन-देन 2 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। लेकिन फरवरी 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी का महत्व अभी भी बना हुआ है। भारत जैसे देश में जहां ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट का इंफ्रास्ट्रक्चर अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है, वहां नकदी का उपयोग ज्यादा होता है। खासकर, त्योहारों और चुनावों के समय नकदी की मांग अचानक से बढ़ जाती है।
RBI के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा नकदी की खपत होती है। इन राज्यों में त्योहारों और चुनाव के समय एटीएम से नकदी निकासी के आंकड़े सबसे ज्यादा होते हैं। इस पूरी स्थिति से यह साफ हो जाता है कि नए नोटों का जारी होना कोई बड़ी घटना नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें सिर्फ नए गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नोट बाजार में लाए जा रहे हैं।
हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम के पीछे एक और बड़ा कारण हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोट को पूरी तरह से प्रचलन से हटाना चाहता है। इसके पीछे मकसद नकदी की अधिकता को नियंत्रित करना और छोटे मूल्य के नोटों का प्रचलन बढ़ाना हो सकता है। भारत सरकार का लक्ष्य डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है। ऐसे में 100 और 200 रुपये के नए नोटों का जारी होना इसी दिशा में उठाया गया एक कदम हो सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या भविष्य में और भी नोट बंद किए जा सकते हैं? इसका जवाब है – शायद नहीं। सरकार की रणनीति फिलहाल बड़े मूल्य के नोटों को प्रचलन से हटाकर छोटे मूल्य के नोटों को बढ़ावा देने की है। इसका उद्देश्य है कि आम जनता नकदी के बजाय डिजिटल लेन-देन की ओर रुख करे। इससे अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और काले धन पर भी लगाम लगेगी।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि 100 और 200 रुपये के नए नोटों का जारी होना केवल एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे पुराने नोटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, आने वाले समय में RBI की रणनीति को समझना जरूरी होगा, क्योंकि अगर सरकार ने नकदी के प्रचलन को सीमित करने का फैसला लिया, तो इसका असर पूरे बाजार और आम लोगों पर पड़ेगा। फिलहाल, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आपके पास मौजूद 100 और 200 के नोट पहले की तरह चलते रहेंगे।
Conclusion:-
“अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business YouTube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”