Semiconductor: दो बड़ी योजनाएं जिन्होंने बदल दी भारत की तस्वीर, नौकरियों की बहार और नए अवसर! 2025

नमस्कार दोस्तों, कल्पना कीजिए, भारत वह देश बन जाए, जहां दुनिया के सबसे उन्नत Semiconductor और इलेक्ट्रॉनिक्स तैयार हों, और जहां technology sector में हर दिन हजारों नौकरियां पैदा हो रही हों। यह कोई सपना नहीं, बल्कि हकीकत बनने की ओर बढ़ रहा है। सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को लेकर भारत में ऐसी दो योजनाएं लागू की गई हैं I

जिन्होंने Investment और रोजगार के sector में क्रांति ला दी है। ये योजनाएं हैं सेमिकॉन इंडिया योजना और प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना। इन योजनाओं ने न केवल देश में अरबों का Investment आकर्षित किया है, बल्कि technology और Industrial sector में नौकरियों की बहार ला दी है। तो यह सब कैसे हुआ? आइए जानते हैं, इन योजनाओं के हर पहलू को विस्तार से।

सेमिकॉन इंडिया योजना का क्या महत्व है, और यह भारत को Semiconductor Production में आत्मनिर्भर बनाने में कैसे मदद करती है?

15 दिसंबर 2021 को भारत सरकार ने सेमिकॉन इंडिया योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना का उद्देश्य केवल देश में Semiconductor Production को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि भारत को एक global सेमीकंडक्टर हब बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार ने अब तक पांच प्रमुख सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है, और 16 सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियों को Financial और technology सहायता दी है।

यह योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अलावा, इसने technology sector में भारत की स्थिति को और मजबूत किया है। यह योजना दिखाती है कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

इसके अलावा, सेमिकॉन इंडिया और पीएलआई योजना के तहत, अब तक लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के Investment की उम्मीद जताई जा रही है। यह Investment भारत के technology और Industrial sector को एक नई दिशा देने वाला है। इस योजना से 25,000 Direct Technical नौकरियां और 60,000 Indirect नौकरियां सृजित होने की संभावना है।

इसका मतलब है कि यह योजनाएं न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेंगी। यह एक ऐसा कदम है, जो भारत के युवाओं को technology sector में विश्व स्तरीय अनुभव देगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।

पीएलआई योजना का Semiconductor उद्योग में क्या योगदान है, और यह भारत के Technological Development को कैसे बढ़ावा दे रही है?

प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। इस योजना के जरिए भारत ने अब तक 6 लाख करोड़ रुपये का Production किया है और 3 लाख करोड़ रुपये का Export किया है। इसके परिणामस्वरूप, 1.28 लाख से अधिक direct नौकरियां सृजित हुई हैं।

यह योजना उन कंपनियों को प्रोत्साहन देती है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स Production और Semiconductor डिजाइन में काम करती हैं। इसके अलावा, यह योजना भारत को एक ऐसा Global Center बनाने में मदद कर रही है, जहां से न केवल घरेलू जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि Global Market की मांग भी पूरी की जाएगी।

इसके अलावा, सेमिकॉन इंडिया योजना और पीएलआई योजना के तहत भारत ने, ग्लोबल Semiconductor बाजार में अपनी स्थिति को काफी मजबूत किया है। दुनिया भर की बड़ी कंपनियां अब भारत में Investment करने के लिए आकर्षित हो रही हैं। भारत, जो पहले केवल Technical products का उपभोक्ता था, अब इन Products का प्रमुख निर्माता बनने की दिशा में अग्रसर है।

सरकार की इन योजनाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत अब सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण Supply Center बने। यह कदम भारत को technology रूप से आत्मनिर्भर बनाने और इसे Global technical map पर स्थापित करने के लिए उठाया गया है।

Semiconductor उद्योग के लिए नीतियों का मजबूत आधार कैसे तैयार किया गया है, और यह भारत के तकनीकी क्षेत्र को कैसे लाभ पहुंचा रहा है?

भारत की इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण है सरकार का मजबूत और प्रभावी नीति ढांचा। Semiconductor और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई नीतियां न केवल स्पष्ट और प्रगतिशील हैं, बल्कि इन्हें प्रभावी तरीके से लागू भी किया गया है। सरकार ने इन योजनाओं के जरिए Investors को एक भरोसेमंद वातावरण प्रदान किया है, जिससे global कंपनियां भारत में Investment करने के लिए प्रेरित हो रही हैं।

इसके साथ ही, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग, डिजाइनिंग और Production के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है। यह नीतियां भारत को एक Global Techno हब बनाने के उद्देश्य को साकार करने में मदद कर रही हैं।

इसके साथ ही सेमिकॉन इंडिया और पीएलआई योजना न केवल Technological Development को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि इन योजनाओं ने रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभाई है। इन योजनाओं के तहत, Semiconductor डिजाइन, पैकेजिंग और Production जैसे क्षेत्रों में युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर नौकरियों के अवसर पैदा हुए हैं।

इसके अलावा, ये योजनाएं युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने और विश्व स्तरीय अनुभव प्राप्त करने का मौका भी प्रदान कर रही हैं। इस प्रकार, यह योजनाएं भारत के युवाओं को technology sector में सशक्त बना रही हैं।

भारत Semiconductor हब बनने के लिए क्या तैयारियां कर रहा है, और इसके लिए कौन-कौन से प्रमुख कदम उठाए जा रहे हैं?

भारत अब Semiconductor और डिस्प्ले निर्माण का Global Center बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार ने इस sector में Investment और विकास को बढ़ावा देने के लिए कन्वर्जेंस, कम्युनिकेशंस और ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजीज (CC&BT) पर जोर दिया है।

इन तकनीकों के विकास से न केवल भारत की घरेलू जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि देश अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराएगा। यह कदम भारत को एक technology महाशक्ति बनने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है।

जैसे-जैसे भारत Semiconductor और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में प्रगति कर रहा है, यह global supply chain में अपनी भूमिका को और मजबूत कर रहा है। भारत अब दुनिया को technology रूप से उन्नत और किफायती product और Service प्रदान करने के लिए तैयार है।

यह कदम न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि इसे एक Global Technical Center के रूप में स्थापित भी करेगा। भारत की यह प्रगति न केवल Technological Development को गति देगी, बल्कि इसे आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण इंजन भी बनाएगी।

Conclusion

तो दोस्तों, सेमिकॉन इंडिया और पीएलआई योजना ने भारत के technology और Industrial sector में क्रांति ला दी है। इन योजनाओं ने न केवल बड़े पैमाने पर Investment और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, बल्कि भारत को Global Semiconductor और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है सरकार की दूरदर्शी नीतियों और प्रभावी Implementation के चलते, भारत अब technology और economic sector में एक नई पहचान बना रहा है।

यह योजनाएं न केवल देश को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि इसे एक global technology महाशक्ति के रूप में भी स्थापित कर रही हैं। आने वाले समय में, यह योजनाएं भारत को Global technical map पर नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

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