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स्टीव जॉब्स और उनकी प्रेरणा: क्या हिंदू गुरु परमहंस योगानंद से उनका कोई विशेष संबंध था?

स्टीव जॉब्स

नमस्कार दोस्तों, स्टीव जॉब्स, जो दुनिया के सबसे प्रभावशाली और क्रांतिकारी Entrepreneurs में से एक थे, केवल technological innovation के प्रतीक नहीं थे। उनकी सोच, दृष्टिकोण, और Lifestyle में Spirituality की गहरी छाप थी। एप्पल जैसी दिग्गज कंपनी के Co-founder स्टीव जॉब्स ने Technological World में नई इबारत लिखी, लेकिन उनके जीवन का एक पहलू ऐसा भी था, जिसे कम ही लोग जानते हैं। यह पहलू था उनकी Spiritual Journey और परमहंस योगानंद जैसे हिंदू गुरु से उनकी प्रेरणा।

स्टीव जॉब्स परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ से बेहद प्रभावित थे। यह केवल एक किताब नहीं थी, बल्कि उनके जीवन का अहम हिस्सा थी। यह उनके लिए Introspection और Inspiration का स्रोत थी, जिसने उनके Personal और professional जीवन को गहराई से प्रभावित किया। उनके लिए यह पुस्तक इतनी महत्वपूर्ण थी कि, अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने इसे अपने दोस्तों और सहकर्मियों को उपहार में दिया। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

स्टीव जॉब्स ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपने दोस्तों और सहकर्मियों को जो उपहार दिया, वह उनकी Spirituality और सोच को दर्शाता है। उन्होंने परमहंस योगानंद की प्रसिद्ध पुस्तक ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ की एक-एक कॉपी अपने करीबी लोगों को भेंट की। यह खुलासा सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ ने किया। मार्क बेनिओफ ने टेकक्रंच डिसरप्ट कॉन्फ्रेंस में बताया कि स्टीव जॉब्स ने अपने अंतिम दिनों में, इस पुस्तक को गहराई से पढ़ा और इसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा माना। यह पुस्तक उनकी प्रेरणा का ऐसा स्रोत थी, जिसे वे अपने करीबी लोगों के साथ साझा करना चाहते थे। यह उनकी सोच और दृष्टिकोण को समझने का एक अनूठा तरीका था।

यह उपहार न केवल उनके Spiritual जुड़ाव को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि स्टीव जॉब्स के लिए जीवन केवल Physical achievements तक सीमित नहीं था। वे चाहते थे कि उनके करीबी लोग भी इस पुस्तक से प्रेरणा लें और अपने जीवन में इसे अपनाएं।

अब बात करते हैं कि स्टीव जॉब्स की Spirituality का अनकहा पहलू क्या है?

मार्क बेनिओफ, जो स्टीव जॉब्स के करीबी मित्रों में से एक थे, ने बताया कि जॉब्स का Spirituality की तरफ गहरा झुकाव था। हालांकि, इसके बारे में कम ही लोग जानते थे। उन्होंने बताया कि जॉब्स को पहले से ही इस बात का अहसास था कि उनका जीवन जल्द ही समाप्त होने वाला है। इसी वजह से उन्होंने अपने अंतिम दिनों में हर चीज को व्यवस्थित कर लिया था।

यहां तक कि उनके अंतिम संस्कार में कौन शामिल होगा, कौन स्पीच देगा और क्या कार्यक्रम होगा, यह सब उन्होंने पहले ही तय कर लिया था। जॉब्स ने यह सुनिश्चित किया कि उनकी विदाई एक यादगार अनुभव हो, जिसमें उनकी सोच और प्रेरणा झलके। उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे सभी दोस्तों और सहकर्मियों को एक छोटे बॉक्स में ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ की एक प्रति दी गई। यह उनके जीवन का अंतिम संदेश था।

अब सवाल उठता है कि परमहंस योगानंद और उनकी पुस्तक ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगी’ का क्या महत्व है?

परमहंस योगानंद की लिखी ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ 1946 में प्रकाशित हुई थी। इसे एक Spiritual क्लासिक के रूप में जाना जाता है। यह पुस्तक योगानंद के जीवन, उनके गुरु की खोज, और उनके द्वारा सिखाई गई ध्यान और योग की गहराइयों के बारे में है। वाल्टर इसाकसन, जिन्होंने स्टीव जॉब्स की बायोग्राफी लिखी है, बताते हैं कि जॉब्स ने पहली बार यह पुस्तक अपनी युवावस्था में पढ़ी थी। इसके बाद से यह पुस्तक उनकी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गई। उन्होंने इसे बार-बार पढ़ा और इससे प्रेरणा ली।

यह पुस्तक न केवल Spirituality और आत्मनिरीक्षण की दिशा में मार्गदर्शन करती है, बल्कि यह जीवन में संतुलन और उद्देश्य को समझने में भी मदद करती है। स्टीव जॉब्स ने इस पुस्तक से जो सबक सीखे, उन्होंने उन्हें एक बेहतर इंसान और उद्यमी बनने में मदद की।

अब बात करते हैं कि 2011 में स्टीव जॉब्स का निधन: क्या यह उनकी Spiritual Journey का अंत था?

स्टीव जॉब्स का 5 अक्टूबर 2011 को 56 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक एक दुर्लभ प्रकार के कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने कैलिफोर्निया स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। अपने अंतिम दिनों में भी जॉब्स ने अपनी जिंदगी को पूरी तरह व्यवस्थित रखा। उन्होंने हर छोटे-बड़े पहलू पर ध्यान दिया, ताकि उनके जाने के बाद भी उनकी सोच और प्रेरणा जीवित रहे। उनके दोस्तों और सहकर्मियों को जो छोटा बॉक्स दिया गया, उसमें ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ की एक प्रति थी। यह उनके जीवन का अंतिम संदेश था, जिसमें उन्होंने अपनी Spirituality और प्रेरणा को साझा किया।

अब सवाल है कि स्टीव जॉब्स की सोच पर ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगी’ का क्या प्रभाव पड़ा?

स्टीव जॉब्स की सोच और दृष्टिकोण पर ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ का गहरा प्रभाव था। यह पुस्तक न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में झलकती थी, बल्कि उनके व्यावसायिक दृष्टिकोण में भी दिखाई देती थी। एप्पल के Products की सादगी, गहराई और उद्देश्य उनकी Spiritual सोच का परिणाम थे। जॉब्स ने हमेशा ऐसे product बनाए जो न केवल technology रूप से Advance थे, बल्कि emotional और Intimate जुड़ाव भी प्रदान करते थे। यह दृष्टिकोण उन्हें परमहंस योगानंद की शिक्षाओं से मिला था।

अब सवाल उठता है कि ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगी’ क्यों खास है?

‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ केवल एक पुस्तक नहीं है, बल्कि यह आत्मज्ञान और Spirituality की खोज का मार्गदर्शक है। इस पुस्तक में परमहंस योगानंद ने अपने जीवन के अनुभवों, ध्यान की विधियों, और योग के महत्व को साझा किया है।

यह पुस्तक उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो जीवन में गहराई और उद्देश्य की तलाश कर रहे हैं। यह व्यक्ति को आत्मनिरीक्षण और अपने भीतर की संभावनाओं को खोजने की दिशा में प्रेरित करती है। स्टीव जॉब्स के जीवन में इस पुस्तक का महत्व उनकी सोच और दृष्टिकोण में स्पष्ट रूप से झलकता है।

अब बात करते हैं कि स्टीव जॉब्स की विरासत और उनकी Spirituality का क्या संबंध है?

स्टीव जॉब्स ने न केवल Technological World को बदला, बल्कि अपने Spiritual perspective से भी दुनिया को प्रेरित किया। उन्होंने दिखाया कि Physical achievements और Spiritual गहराई को एक साथ संतुलित किया जा सकता है।

उनकी विरासत केवल उनके Products में ही नहीं, बल्कि उनकी सोच और दृष्टिकोण में भी जीवित है। उन्होंने दुनिया को सिखाया कि सादगी, गहराई, और आत्मनिरीक्षण के माध्यम से महानता हासिल की जा सकती है।

Conclusion:-

तो दोस्तों, स्टीव जॉब्स की कहानी केवल technological innovation की नहीं, बल्कि Spirituality और आत्मनिरीक्षण की भी है। परमहंस योगानंद और उनकी पुस्तक ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ ने जॉब्स के जीवन को गहराई और दिशा दी। उनकी यह प्रेरणा उनके Products, उनकी सोच, और उनके दृष्टिकोण में झलकती है। उन्होंने यह साबित किया कि technology और Spirituality को एक साथ जोड़ा जा सकता है और इससे जीवन में संतुलन और सफलता दोनों हासिल की जा सकती हैं।

स्टीव जॉब्स की कहानी इस बात का प्रमाण है कि Material success और Spiritual गहराई एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं। उन्होंने दिखाया कि आत्मनिरीक्षण और सादगी के माध्यम से जीवन में महानता प्राप्त की जा सकती है। अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

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