नमस्कार दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि एक ऐसा प्रोडक्ट, जिसे आप महज 5 रुपये में खरीदते हैं, उसमें दुनिया का सबसे महंगा मसाला कैसे मिल सकता है? क्या यह मुमकिन है कि 5 रुपये के पाउच में वह केसर मौजूद हो, जिसकी कीमत 4 लाख रुपये प्रति किलो है? अगर हां, तो आखिर इसका राज क्या है? और अगर नहीं, तो इसका मतलब है कि हम सबको धोखे में रखा जा रहा है। मामला सिर्फ एक प्रोडक्ट का नहीं है, बल्कि इसमें बॉलीवुड के तीन बड़े सितारे भी शामिल हैं। शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ जो Vimal Pan Masala का Advertisement करते हैं, अब एक बड़े विवाद में फंस चुके हैं।
जयपुर की उपभोक्ता अदालत ने इन तीनों सितारों के साथ-साथ Vimal Pan Masala बनाने वाली कंपनी, जेबी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन विमल कुमार अग्रवाल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इन पर आरोप है कि ये तीनों स्टार्स Advertisement के जरिए इस Vimal Pan Masala में केसर के मौजूद होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन असलियत में इस प्रोडक्ट में केसर की मौजूदगी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर इसमें सच में केसर है, तो इसकी कीमत कैसे इतनी कम हो सकती है? क्या यह सिर्फ एक मार्केटिंग स्ट्रैटेजी है या फिर ग्राहकों को खुलेआम धोखा दिया जा रहा है? आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
विमल पान मसाले के Advertisements में शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ को आपने यह कहते सुना होगा – “दाने-दाने में केसर का दम”। ये लाइन अब भारतीय उपभोक्ताओं के दिमाग में गहराई से बैठ चुकी है। Vimal Pan Masala भारत के Vimal Pan Masala उद्योग का एक बड़ा ब्रांड है। इस ब्रांड की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके Advertisement में बॉलीवुड के सबसे बड़े नाम शामिल हैं। लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि जिस केसर की बात ये सितारे कर रहे हैं, क्या वो असली केसर है? और अगर है, तो उसकी कीमत कितनी होगी?
केसर दुनिया का सबसे महंगा Vimal Pan Masala माना जाता है। केसर की खेती भारत में मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर में होती है। इसके अलावा अफगानिस्तान, चीन, पुर्तगाल और ईरान में भी केसर की खेती होती है। भारत में केसर का सबसे बड़ा बाजार दिल्ली के खारी बावली में है। यहां केसर की कीमत क्वालिटी के आधार पर तय होती है। अगर हम असली कश्मीरी केसर की बात करें, तो इसकी कीमत प्रति किलो 3 लाख से 4 लाख रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा ईरानी केसर भी बाजार में उपलब्ध है, लेकिन उसकी कीमत भारतीय केसर से कम होती है।
अब सवाल उठता है कि केसर की कीमत इतनी अधिक क्यों होती है? इसके पीछे इसका उत्पादन तरीका है। केसर के फूलों से केसर के रेशे निकालने की प्रक्रिया बेहद जटिल होती है। एक किलो केसर पाने के लिए करीब 1.5 लाख से 2 लाख फूलों की जरूरत होती है। इसके अलावा केसर की खेती के लिए खास तरह की जलवायु और मिट्टी की जरूरत होती है। इस वजह से इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर केसर इतना महंगा है, तो फिर 5 रुपये के विमल पान मसाले में इसका इस्तेमाल कैसे हो सकता है? यही सवाल योगेंद्र सिंह बडियाल नाम के एक व्यक्ति ने जयपुर की उपभोक्ता अदालत में उठाया है। बडियाल ने कहा है कि अगर बाजार में एक किलो केसर की कीमत 4 लाख रुपये है, तो फिर महज 5 रुपये के पाउच में असली केसर कैसे मिल सकता है? इसका मतलब साफ है कि या तो इसमें नकली केसर मिलाई जा रही है या फिर केसर के नाम पर कोई और पदार्थ मिलाया जा रहा है।
हालांकि, Vimal Pan Masala का विवाद सिर्फ केसर तक सीमित नहीं है। मामला इससे भी बड़ा है। भारत में Vimal Pan Masala उद्योग करीब 42,000 करोड़ रुपये का है। यह उद्योग लगातार बढ़ रहा है और अनुमान है कि 2027 तक इसका आकार 53,000 करोड़ रुपये के पार चला जाएगा। भारत में पान मसाले का सबसे बड़ा उपभोक्ता वर्ग पुरुष हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के अनुसार, भारत के शहरी इलाकों में करीब 29% पुरुष और ग्रामीण इलाकों में करीब 43% पुरुष पान मसाला और तंबाकू का सेवन करते हैं। इसके अलावा, भारत में करीब 27 करोड़ लोग तंबाकू और Vimal Pan Masala का सेवन करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तंबाकू के कारण हर साल करीब 13 लाख लोगों की मौत होती है। पान मसाले में निकोटिन और दूसरे हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, जो कैंसर और दूसरी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई बार बॉलीवुड स्टार्स से अपील की है कि वे पान मसाले के Advertisement न करें। लेकिन इसके बावजूद शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ जैसे बड़े सितारे Vimal Pan Masala का Advertisement कर रहे हैं।
Vimal Pan Masala विवाद की शुरुआत तब हुई जब योगेंद्र सिंह बडियाल ने जयपुर की उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि – “अगर एक किलो केसर की कीमत 4 लाख रुपये है, तो फिर 5 रुपये के पाउच में केसर कैसे मिल सकता है? क्या कंपनी ग्राहकों को गुमराह कर रही है?”
विमल पान मसाले के इस विवाद ने सिर्फ उपभोक्ताओं के बीच ही नहीं, बल्कि कानूनी गलियारों में भी हलचल मचा दी है। उपभोक्ता फोरम में दायर याचिका के बाद इस मामले ने मीडिया का भी ध्यान खींचा है। अब सवाल सिर्फ केसर के असली या नकली होने का नहीं है, बल्कि उपभोक्ताओं को गुमराह करने और ब्रांड एंबेसडर की नैतिक जिम्मेदारी का भी है।
क्या शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ को इस बात की जानकारी थी कि जिस प्रोडक्ट का वे प्रचार कर रहे हैं, उसमें केसर असली नहीं है? या फिर उन्होंने सिर्फ पैसों के लिए इस प्रचार को मंजूरी दी थी? भारत में Consumer Protection Act के तहत Advertisement करने वाली हस्तियों पर भी, जिम्मेदारी तय की जाती है कि वे जिस प्रोडक्ट का प्रचार कर रहे हैं, उसकी सच्चाई की पूरी जांच करें।
अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही Vimal Pan Masala बनाने वाली कंपनी जेबी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन, विमल कुमार अग्रवाल को भी कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। अदालत ने कहा है कि अगर इस मामले में कंपनी और Advertisement करने वाले सितारे दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विवाद बढ़ने के बाद कंपनी ने सफाई दी है कि – “हमारे प्रोडक्ट में असली केसर का इस्तेमाल किया जाता है। हमारी कंपनी सभी नियमों का पालन करती है और उपभोक्ताओं को किसी भी तरह से गुमराह नहीं करती है।”
लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है कि अगर इसमें असली केसर है, तो इसकी कीमत इतनी कम कैसे हो सकती है? यह विवाद सिर्फ एक प्रोडक्ट का मामला नहीं है। यह उपभोक्ता अधिकारों और भारतीय बाजार में पारदर्शिता का मामला है। उपभोक्ताओं को जो प्रोडक्ट बेचा जा रहा है, क्या वह सच में वैसा ही है जैसा दावा किया जा रहा है? क्या शाहरुख, अजय और टाइगर जैसे बड़े सितारे सिर्फ पैसे के लिए झूठे दावे कर रहे हैं?
अगर अदालत में यह साबित हो जाता है कि Vimal Pan Masala में असली केसर नहीं है, तो इससे पूरे भारतीय पान मसाला उद्योग पर असर पड़ सकता है। साथ ही Advertisement करने वाले बॉलीवुड सितारों की छवि को भी बड़ा झटका लग सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या इस मामले में सच्चाई सामने आएगी? क्या उपभोक्ताओं को न्याय मिलेगा? और क्या बॉलीवुड सितारों को गुमराह करने का दोषी ठहराया जाएगा? इस पूरे मामले पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं।
Conclusion
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