सोचिए, एक ऐसा लड़का जो अभी कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाया… जिसकी उम्र इतनी कम है कि उसे देखकर लोग अक्सर सोचते हैं कि ये तो किसी कंपनी में इंटर्न होगा। लेकिन जब सच सामने आता है कि यही लड़का 41,500 करोड़ की कंपनी का सीईओ है, तो लोग चौंक जाते हैं। क्योंकि आमतौर पर हम सोचते हैं कि एक बड़ी कंपनी को चलाने के लिए दशकों का अनुभव चाहिए होता है, लेकिन यहां पर कहानी बिल्कुल उलटी है।
यह कहानी है भारत के सबसे कम उम्र के सफल बिजनेस लीडर्स में से एक – Adit Palicha की। जिसने यह साबित कर दिया कि अगर आपके पास विजन हो, जुनून हो, और हार न मानने का जज़्बा हो, तो उम्र सिर्फ एक संख्या बनकर रह जाती है। यह कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि Risk लेने की, हर मोड़ से सीखने की और कभी पीछे न हटने की कहानी है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
Adit Palicha का जन्म मुंबई में हुआ था। एक आम लेकिन शिक्षित परिवार में जन्मे आदित की परवरिश हमेशा से एक जिज्ञासु और प्रयोगशील माहौल में हुई। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई मुंबई के प्रतिष्ठित स्कूलों में पूरी की और फिर कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के लिए, अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।
लेकिन जब दुनिया के बाकी छात्र बड़ी-बड़ी नौकरियों का सपना देख रहे थे, तब Adit Palicha और उनके दोस्त कैवल्य वोहरा के दिमाग में एक स्टार्टअप शुरू करने का ख्याल घूम रहा था। स्टैनफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई छोड़ना कोई सामान्य निर्णय नहीं होता, लेकिन जब आपका सपना बड़ा हो, तो Risk उठाना ही पड़ता है।
17 साल की उम्र में उन्होंने Kirana Kart नाम का एक वेंचर शुरू किया, जो छोटे किराना स्टोर्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने की एक कोशिश थी। यह कोशिश पूरी तरह सफल नहीं हो पाई, लेकिन इसने उन्हें भारतीय कंज्यूमर बिहेवियर, सप्लाई चेन और मार्केट की बारीकियों को समझने का बेहतरीन मौका दे दिया।
Adit Palicha और कैवल्य के लिए यह एक अहम अनुभव था, क्योंकि उन्होंने उस असफलता से घबराने की बजाय उससे सीखना चुना। Kirana Kart की असफलता ने उन्हें सिखाया कि क्या काम नहीं करता, और यह ज्ञान उन्हें भविष्य में क्या करना है – यह समझने में मददगार बना।
इसके बाद दोनों दोस्तों ने हार नहीं मानी और एक और मौका लेने का फैसला किया। साल 2021 में Zepto नाम के स्टार्टअप की शुरुआत हुई। यह वो वक्त था जब भारत में ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी तेजी से बढ़ रही थी, लेकिन कोई भी यह दावा नहीं कर सकता था कि वह 10 से 15 मिनट में ऑर्डर डिलीवर कर सकता है।
आदित और कैवल्य ने यही चुनौती उठाई और 10 से 15 मिनट की डिलीवरी का वादा करके मार्केट में तहलका मचा दिया। उस समय बहुत से लोग इसे नामुमकिन मानते थे, लेकिन यही वो सोच थी जिसने Zepto को अलग और यूनिक बना दिया।
इस स्टार्टअप ने शुरुआत से ही लोगों का ध्यान खींचा। Zepto की वैल्यूएशन लॉन्च के पहले महीने में ही 200 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई। और जैसे-जैसे काम बढ़ा, वैसे-वैसे इस कंपनी ने Investors का भी भरोसा जीत लिया। सिर्फ पांच महीने में Zepto की वैल्यूएशन 570 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई और लोगों को समझ आने लगा कि यह स्टार्टअप कोई आम सपना नहीं, बल्कि एक बड़ा रेवोल्यूशन है। एक ऐसा रेवोल्यूशन जो लोगों की आदतों को बदलने वाला था – जहां एक समय ग्रॉसरी आने में एक दिन लगता था, अब वह 10 मिनट में दरवाजे पर मिलने लगी थी।
साल 2021 के अंत तक Zepto ने 10 लाख ऑर्डर डिलीवर कर दिए थे। यह संख्या किसी भी नए स्टार्टअप के लिए एक रिकॉर्ड थी। एक साल के अंदर ही Zepto की वैल्यूएशन 7,420 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। और Adit Palicha – जो कभी कॉलेज के लेक्चर छोड़कर कोडिंग किया करते थे – अब भारत के सबसे कम उम्र के अरबपति बनने की राह पर थे।
साल 2022 में जब वे सिर्फ 20 साल के थे, तब उनकी नेटवर्थ 1200 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी थी। और 2024 तक तो उनकी कुल संपत्ति 4,300 करोड़ रुपये हो चुकी है। यह आंकड़े न सिर्फ प्रेरणादायक हैं, बल्कि यह दिखाते हैं कि भारतीय स्टार्टअप दुनिया में अब सिर्फ फॉलोअर नहीं, इनोवेटर बन चुके हैं।
Zepto की सफलता का रहस्य सिर्फ उसके तेज डिलीवरी टाइम या लोकेशन कवरेज में नहीं है, बल्कि उसके पीछे की तकनीक और सोच में है। इस कंपनी ने डार्क स्टोर्स और हाइपर लोकल वेयरहाउसिंग को अपने बिजनेस मॉडल में शामिल किया। यानी हर इलाके में छोटे-छोटे गोदाम बनाए गए, जिनसे ग्राहक तक सामान पहुंचाना बेहद आसान हो गया।
साथ ही, कंपनी ने डेटा एनालिटिक्स का शानदारउपयोग करते हुए यूज़र बिहेवियर, डिमांड पैटर्न और लोकेशन डिपेंडेंसी को समझकर अपने ऑपरेशंस को बेहद प्रभावशाली बना लिया। इस टेक-ड्रिवन अप्रोच ने Zepto को सिर्फ एक डिलीवरी प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक टेक्नोलॉजी कंपनी बना दिया।
Zepto का मुकाबला बाजार के कुछ बड़े दिग्गजों से था – जैसे Blinkit, Swiggy Instamart और Dunzo। लेकिन जहां बाकी कंपनियां डिलीवरी टाइम को 30 मिनट से कम लाने की कोशिश कर रही थीं, वहीं Zepto ने 10 से 16 मिनट की डिलीवरी करके सीधे यूज़र के दिल में जगह बना ली। इसका सीधा असर ये हुआ कि शहरों में रहने वाला युवा वर्ग, कामकाजी लोग और छोटे परिवार तेजी से Zepto के ग्राहक बनते चले गए। Zepto ने उन्हें समय की बचत दी, सुविधा दी और भरोसा दिया – और यही तीन चीजें एक ब्रांड को सफल बनाती हैं।
सिर्फ ग्राहक ही नहीं, Investor भी इस कंपनी से बेहद प्रभावित हुए। Zepto ने कई राउंड्स में Investment जुटाया और हर बार अपनी वैल्यूएशन को नई ऊंचाई पर पहुंचाया। 2024 में Zepto की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर यानी करीब 41,500 करोड़ रुपये तक जा पहुंची है।
यह आंकड़ा एक ऐसे स्टार्टअप के लिए है, जिसने सिर्फ तीन साल पहले अपनी यात्रा शुरू की थी। इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है कि सही सोच और सही समय पर लिया गया फैसला किस हद तक आपको आगे ले जा सकता है। इस सफलता ने न केवल Investors को लाभ दिलाया, बल्कि देश के युवाओं को यह भरोसा भी दिया कि वे भी कर सकते हैं।
एक बार एक कार्यक्रम में Adit Palicha ने खुद बताया कि उनकी कंपनी में ज्यादातर कर्मचारी और यहां तक कि इंटर्न भी उनसे उम्र में बड़े हैं। लेकिन उन्होंने कभी भी इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। वे मानते हैं कि उम्र से ज्यादा जरूरी होती है सोच, दृष्टिकोण और निर्णय लेने की क्षमता। उन्होंने साबित किया है कि अगर आप अपने उद्देश्य को लेकर स्पष्ट हैं और लगातार सीखने को तैयार रहते हैं, तो आपकी उम्र कोई मायने नहीं रखती। अनुभव जरूरी है, लेकिन नया दृष्टिकोण और सीखने की ललक आपको उससे आगे ले जाती है।
Zepto का कस्टमर फर्स्ट अप्रोच, टेक्नोलॉजी की समझ, और तेज़ फैसलों ने इसे भारतीय स्टार्टअप जगत में एक चमकते सितारे की तरह स्थापित कर दिया है। Adit Palicha की यह यात्रा न सिर्फ युवाओं को प्रेरणा देती है, बल्कि उन सभी को भी सोचने पर मजबूर करती है जो यह मानते हैं कि अनुभव ही सब कुछ है। कभी-कभी अनुभव से भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है नया नजरिया और बदलाव को अपनाने की हिम्मत। आज की दुनिया में स्थिरता नहीं, बल्कि गति और अनुकूलन ही सबसे बड़ा गुण बन गया है।
आज जब दुनिया डिजिटल युग में जी रही है, तो ऐसे युवा लीडर्स की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा है – जो तकनीक को सिर्फ एक टूल नहीं बल्कि बदलाव का ज़रिया मानते हों। और Adit Palicha उसी सोच के प्रतीक हैं। उनका उदाहरण यह दिखाता है कि भारत के युवा सिर्फ नौकरी के पीछे नहीं, अब अवसर निर्माण करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। और यही भारत को एक नई दिशा दे रहा है – एक युवा, तेज़, डिजिटल और आत्मनिर्भर भारत की।
Conclusion:-
“अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business YouTube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”