नमस्कार दोस्तों, कहते हैं कि जब दो बड़े शक्तिशाली देश किसी मुद्दे पर आपस में भिड़ते हैं, तो इसका सीधा फायदा तीसरे पक्ष को होता है। यह कहावत दुनिया की दो सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्तियाँ अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध पर सटीक बैठती है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव का कारण, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी Products पर भारी टैरिफ लगाना रहा है। इसके चलते चीनी कंपनियों को अमेरिका के बाजार में बड़ा झटका लगा, और अमेरिकी कंपनियों को भी नए विकल्पों की तलाश करनी पड़ी। ऐसे में यह अनुमान लगाया गया था कि भारत को इस अवसर का भरपूर लाभ मिलेगा, और वह अमेरिका के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करेगा। लेकिन वास्तविकता में भारत इस मौके का उतना फायदा नहीं उठा पाया, जितना कि उसे उठाना चाहिए था। इसके उलट, मैक्सिको, कनाडा और South-East Asian countries ने इस अवसर का बेहतरीन उपयोग किया, और अमेरिकी Export Markets में अपनी जगह बना ली। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
भारत पीछे क्यों छूटा?
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक विस्तृत रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि, China America Trade war का सबसे बड़ा लाभ भारत को नहीं बल्कि अन्य देशों को मिला। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को चीन के विकल्प के रूप में सबसे ज्यादा फायदा मैक्सिको, कनाडा, और आसियान देशों ने उठाया। इन देशों ने न केवल चीन की जगह ली, बल्कि अमेरिकी Export Markets में अपनी मजबूत पकड़ बना ली। वहीं भारत को इस युद्ध से फायदा तो जरूर मिला, लेकिन वह इन देशों के मुकाबले काफी पीछे रह गया। इसका मुख्य कारण भारत की Industrial competitiveness, कमजोर local supply chain और चीन पर अत्यधिक Import निर्भरता है। इसके चलते भारत अपनी पूरी क्षमता के साथ इस मौके का लाभ नहीं उठा पाया।
भारत की प्रमुख कमजोरियाँ क्या हैं, और Global Trade में Competition बढ़ाने के लिए किन सुधारों की जरूरत है?
भारत के पीछे रहने के सबसे बड़े कारणों में से एक है उसकी लोकल सप्लाई चेन का कमजोर होना। भारत अभी भी कई महत्वपूर्ण इंटरमीडिएट प्रोडक्ट्स के लिए चीन पर निर्भर है। जब तक भारत इन Products का घरेलू स्तर पर Production शुरू नहीं करेगा, तब तक उसकी Production Cost चीन जैसे देशों की तुलना में ज्यादा रहेगी। इसके अलावा, भारत में Ease of Doing Business यानी व्यापार करने की प्रक्रिया को और सरल बनाने की आवश्यकता है। Global Investors और कंपनियों को आकर्षित करने के लिए सरकार को इस दिशा में तेजी से काम करना होगा। यदि भारत Industrial competitiveness, logistics infrastructure और नीतिगत सुधार में Investment करता है, तभी वह Global Trade में अपनी मजबूत स्थिति बना पाएगा।
ट्रंप की वापसी, भारत के लिए सुनहरा अवसर कैसे हो सकती है?
GTRI के Founder अजय श्रीवास्तव का कहना है कि, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनने से भारत के लिए बड़े अवसर उभर सकते हैं। ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने चीन, मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों पर भारी टैरिफ लगाकर प्रोटेक्शनिस्ट नीतियाँ लागू की थीं। यदि ऐसा दोबारा होता है, तो अमेरिकी कंपनियाँ फिर से नए Import Sources की तलाश करेंगी। ऐसे में भारत के पास एक सुनहरा मौका होगा कि वह अमेरिकी बाजार में अपनी पैठ बना सके। लेकिन इसके लिए भारत को अभी से तैयारी शुरू करनी होगी। indian industries को cost effectiveness को बढ़ाने और विकासशील सेक्टर्स पर फोकस करने की जरूरत है।
China America Trade war का सबसे ज्यादा फायदा किन देशों को हुआ?
China America Trade war का सबसे बड़ा लाभ मैक्सिको, कनाडा, और South-East Asian countries के समूह आसियान को मिला है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों ने चीन के विकल्प के रूप में अमेरिकी बाजार में बड़ी सफलता हासिल की है। आंकड़ों की बात करें तो मैक्सिको ने 2017 से 2023 के बीच अमेरिका को 164 अरब डॉलर का अतिरिक्त Export किया, जिससे वह सबसे बड़े लाभार्थी के रूप में उभरा। इसके बाद कनाडा ने इसी अवधि में 124 अरब डॉलर का Export बढ़ाया और अपनी स्थिति को मजबूत किया। आश्चर्यजनक रूप से छोटे देश वियतनाम ने भी जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 70.5 अरब डॉलर का लाभ अर्जित किया। इसके अलावा South Korea ने 46 अरब डॉलर और जर्मनी ने 43 अरब डॉलर का अतिरिक्त Export किया। इन आँकड़ों से साफ जाहिर होता है कि अमेरिका के बाजार में चीन की कमी को भरने में इन देशों ने सबसे ज्यादा फायदा उठाया, जबकि भारत इस दौड़ में काफी पीछे रह गया। भारत को इन देशों से सीख लेकर अपनी Competition को बढ़ाने और बाजार में अपनी हिस्सेदारी मजबूत करने की जरूरत है।
China America Trade war से भारत को कितना फायदा हुआ?
हालांकि भारत पूरी तरह पीछे नहीं रहा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिका को 37 अरब डॉलर का अतिरिक्त Export किया। विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, और इंजीनियरिंग वस्तुओं के क्षेत्रों में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन जब इसे मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों के आँकड़ों से तुलना की जाती है, तो यह साफ हो जाता है कि भारत इस अवसर को पूरी तरह भुनाने में असफल रहा। indian industries की कम Competitiveness, चीन पर Import निर्भरता और नीतिगत बाधाएँ इसके मुख्य कारण रहे हैं।
भारत की चीन पर निर्भरता, सबसे बड़ी चुनौती कैसे बन गई है?
भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती चीन पर अपनी आर्थिक निर्भरता को कम करना है। चीन न केवल एक बड़ा Exporter है, बल्कि वह दुनिया के अधिकांश देशों को Intermediate Products की Supply करता है। यदि भारत को अमेरिकी बाजार में अपनी जगह बनानी है, तो उसे स्थानीय Production को मजबूत करना होगा। सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाएँ इस दिशा में सही कदम हैं, लेकिन इन पर और तेजी से काम करने की जरूरत है। भारत को सप्लाई चेन, Industrial infrastructure और Technical Skills पर बड़े पैमाने पर Investment करना होगा।
अमेरिकी बाजार की ताकत क्या है, और इसका भारत के आर्थिक भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
अमेरिका का बाजार दुनिया का सबसे बड़ा consumer market है। चीन के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने इस बाजार को नए विकल्पों की ओर धकेला है। भारत के पास यह एक सुनहरा अवसर है, जिसे भुनाने के लिए सही रणनीति की जरूरत है। भारत को टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव और आईटी सेक्टर जैसे क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी। सरकार को Industries को सब्सिडी, Investment Incentives और नीतिगत सहूलियतें प्रदान करनी होंगी।
Conclusion:-
तो दोस्तों, China America Trade war से जो अवसर पैदा हुए, उनका फायदा भारत को जरूर मिला लेकिन उतना नहीं, जितना कि अन्य देशों ने उठाया। मैक्सिको, कनाडा और आसियान देशों ने अमेरिका के बाजार में चीन की जगह लेकर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। भारत को इस अवसर को भुनाने के लिए industrial reforms, infrastructure development, और ease of doing business पर ध्यान देना होगा। यदि भारत सही कदम उठाए, तो वह Global Trade के नक्शे पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सकता है, और अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी को कई गुना बढ़ा सकता है। अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
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