Intel ने लिप बू टैन को बनाया CEO, मुश्किलों के बीच बड़ी कामयाबी, शेयरों में 11% की जबरदस्त बढ़त!

नमस्कार दोस्तों, दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनियों में से एक Intel, जो कभी टेक्नोलॉजी की दुनिया में वर्चस्व रखती थी, अब मुश्किल दौर से गुजर रही है। Intel के शेयरों में भारी गिरावट हो चुकी है। कंपनी का बाजार मूल्य घट चुका है और Competition में वह पिछड़ती जा रही है। लेकिन हाल ही में Intel ने एक ऐसा फैसला किया है, जिसने बाजार में हलचल मचा दी है।

Intel ने लिप बू टैन को अपना नया सीईओ नियुक्त किया है। इस फैसले के बाद कंपनी के शेयरों में अचानक 11% की तेजी देखी गई। ये कोई मामूली तेजी नहीं है। इस तेजी के पीछे लिप बू टैन का नाम और उनकी प्रतिष्ठा है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

आपको बता दें कि लिप बू टैन का नाम टेक इंडस्ट्री में किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्हें सफलता की गारंटी माना जाता है। इससे पहले भी उन्होंने कई कंपनियों को घाटे से निकालकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इंटेल ने भी इसी भरोसे के साथ उन्हें अपना सीईओ नियुक्त किया है। टैन ने 6 महीने पहले ही Intel का बोर्ड छोड़ा था। इसके बाद कंपनी ने उन्हें दो बार अपना अंतरिम सीईओ भी बनाया था।

लेकिन इस बार पूरी कमान उनके हाथ में दे दी गई है। बाजार ने इस फैसले को सकारात्मक रूप से लिया है। टैन के नाम के ऐलान के तुरंत बाद ही कंपनी के शेयर 11% तक चढ़ गए। यह तब हुआ है जब पिछले एक साल में Intel के स्टॉक की कीमत 54% तक गिर चुकी थी।

लिप बू टैन की सफलता का इतिहास शानदार रहा है। उनका जन्म मलेशिया में हुआ था, लेकिन उनका बचपन सिंगापुर में बीता। उन्होंने नानयांग यूनिवर्सिटी से (Physics) में डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से (Nuclear Engineering) में मास्टर डिग्री ली। एक ऐसे स्टूडेंट के लिए जो न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका हो, पीएचडी करना स्वाभाविक था। लेकिन टैन की महत्वाकांक्षा कुछ अलग थी। उन्हें बिजनेस की दुनिया में अपनी पहचान बनानी थी। इसीलिए उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सैन फ्रांसिस्को से एमबीए किया।

टैन का करियर बिजनेस की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ा। वेंचर कैपिटल में अनुभव लेने के बाद उन्होंने साल 2004 में Cadence के बोर्ड में जगह बनाई। साल 2008 में जब माइकल फिस्टर कंपनी छोड़कर गए, तब टैन को अस्थायी रूप से कंपनी का सीईओ बनाया गया। टैन ने इसे अस्थायी जिम्मेदारी की तरह नहीं, बल्कि एक स्थायी चुनौती की तरह लिया। उन्होंने कंपनी के कामकाज को पूरी तरह बदल दिया। टैन ने Cadence के बिजनेस मॉडल में भारी बदलाव किए।

Cadence एक इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (EDA) कंपनी थी, जो सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन के लिए सॉफ्टवेयर बनाती थी। लेकिन टैन ने इसे सिर्फ एक EDA कंपनी नहीं रहने दिया। उन्होंने इसे एक इंटेलिजेंट सिस्टम डिजाइन कंपनी में तब्दील कर दिया।

जब टैन ने Cadence की कमान संभाली थी, तब कंपनी का बाजार मूल्य 10 अरब डॉलर था। लेकिन उनके नेतृत्व में यह मूल्य बढ़कर 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया। टैन ने Cadence में रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) पर फोकस किया। उन्होंने नई टेक्नोलॉजी में Investment किया और कंपनी के प्रोडक्ट्स को नए सिरे से डिजाइन किया। इसका नतीजा यह हुआ कि Cadence को दुनिया की सबसे सफल टेक कंपनियों में गिना जाने लगा।

टैन की इस सफलता के कारण उन्हें टेक इंडस्ट्री में “टेक जीनियस” कहा जाने लगा। Cadence के बाद टैन ने कई और टेक कंपनियों के साथ काम किया। उन्होंने अन्नपूर्णा लैब्स, नुविया, एएमईसी, एचपीई, स्नाइडर इलेक्ट्रिक और सांबा नोवा जैसी कंपनियों के बोर्ड में भी काम किया। उन्होंने वेंचर कैपिटल फर्म वाल्डेन इंटरनेशनल की भी स्थापना की। इसके बाद यह फर्म कैटालिस्ट वेंचर्स के साथ मिल गई। टैन ने SMIC (Semiconductor Manufacturing International Corporation) में भी काम किया, जो चीन की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी है।

अब टैन के सामने एक नई चुनौती है। Intel इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है। एक समय था जब इंटेल दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी थी। लेकिन अब एनवीडिया और (AMD) जैसी कंपनियों ने उसे पीछे छोड़ दिया है। पिछले एक साल में Intel के शेयरों में 54% तक की गिरावट आ चुकी है। इंटेल के प्रोडक्ट्स की डिमांड घट रही है। कंपनी की फाउंड्री सर्विसेज को भी नुकसान हो रहा है। Intel के चिप्स की लागत बढ़ रही है, जबकि उसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। इससे कंपनी के मुनाफे में लगातार गिरावट हो रही है।

टैन के सामने सबसे बड़ी चुनौती Intel को दोबारा से ग्लोबल लीडर बनाना है। इसके लिए उन्हें Intel के बिजनेस मॉडल को पूरी तरह बदलना होगा। एनवीडिया और एएमडी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर भारी Investment किया है। इससे उनके प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ रही है। टैन को भी Intel को इसी दिशा में ले जाना होगा। टैन के पास इस तरह की रणनीति बनाने का अनुभव है। उन्होंने Cadence को सफलता की ऊंचाइयों तक इसी तरह पहुंचाया था।

इसके अलावा, टैन ने Intel के लिए एक नई रणनीति बनाई है। उन्होंने Intel के R&D बजट को बढ़ाने का फैसला किया है। टैन का मानना है कि नई टेक्नोलॉजी में Investment किए बिना Intel को बाजार में वापसी नहीं मिल सकती। इसके अलावा टैन ने कंपनी की सप्लाई चेन को भी मजबूत करने का फैसला किया है। टैन का मानना है कि सप्लाई चेन की समस्या को हल किए बिना कंपनी को मुनाफा नहीं हो सकता। इसके लिए उन्होंने ग्लोबल लेवल पर नए पार्टनर्स से बातचीत शुरू की है।

टैन के पास बिजनेस और टेक्नोलॉजी का गहरा अनुभव है। उन्हें मालूम है कि बाजार में कैसे Competition करनी है। टैन का मानना है कि इंटेल को गेमिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, AI और डेटा सेंटर के क्षेत्र में आक्रामक रणनीति अपनानी होगी। इसके लिए टैन ने पहले ही कंपनी के बोर्ड में कई बदलाव किए हैं। उन्होंने कंपनी की लीडरशिप टीम में नए लोगों को शामिल किया है। टैन का मानना है कि नई सोच के साथ कंपनी को आगे बढ़ाया जा सकता है।

टैन ने इंटेल के लिए एक नई रणनीति बनाईटैन के पास बिजनेस और टेक्नोलॉजी का गहरा अनुभव है। उन्हें मालूम है कि बाजार में कैसे Competition करनी है। टैन का मानना है कि इंटेल को गेमिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, AI और डेटा सेंटर के क्षेत्र में आक्रामक रणनीति अपनानी होगी। इसके लिए टैन ने पहले ही कंपनी के बोर्ड में कई बदलाव किए हैं। उन्होंने कंपनी की लीडरशिप टीम में नए लोगों को शामिल किया है। टैन का मानना है कि नई सोच के साथ कंपनी को आगे बढ़ाया जा सकता है।

टैन की इस रणनीति का असर दिखने भी लगा है। टैन के सीईओ बनने की घोषणा के बाद ही इंटेल के शेयरों में 11% की बढ़ोतरी हो गई। बाजार ने टैन के फैसलों को सकारात्मक रूप से लिया है। टैन ने कहा है कि वह अगले 2 सालों में इंटेल को दोबारा से ग्लोबल लीडर बनाएंगे। उन्होंने कहा है कि इंटेल के पास अभी भी तकनीकी बढ़त है। बस जरूरत है सही रणनीति और सही नेतृत्व की। टैन ने इंटेल के कर्मचारियों से कहा है कि वे कंपनी के विजन पर भरोसा रखें।

टैन की यह रणनीति काम करती है या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि टैन के आने से इंटेल को नई ऊर्जा मिली है। टैन ने इससे पहले भी असंभव को संभव किया है। अगर टैन ने इंटेल को दोबारा से खड़ा कर दिया, तो यह टेक इंडस्ट्री के इतिहास में एक बड़ी घटना होगी। अब सबकी नजर टैन की अगली चाल पर है।

Conclusion

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