Pakistan ने भारत की इकॉनमी पर उठाए सवाल – जानिए सच्चाई और असली आंकड़े! 2025

नमस्कार दोस्तों, ज़रा सोचिए, एक ऐसा देश जो पाई-पाई को मोहताज है, जहां लोग रोटी के लिए तरस रहे हैं, जहां सरकार के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं हैं, वहां के एक बड़े नेता ने भारत की इकोनॉमी पर सवाल उठाए हैं। वो भी ऐसे सवाल जिनका जवाब पूरी दुनिया को मालूम है। उन्होंने कहा है कि भारत में Pakistan से ज्यादा गरीबी है।

उनका दावा है कि भारत की तरक्की सिर्फ एक दिखावा है, एक राजनीतिक प्रचार का हिस्सा है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत की मार्केट बड़ी है, आबादी ज्यादा है, इसलिए टैक्स ज्यादा आता है और इसीलिए भारत तरक्की कर रहा है। लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई ऐसा है? क्या भारत की तरक्की सिर्फ दिखावा है? क्या भारत की इकोनॉमी सिर्फ एक राजनीतिक प्रचार का हिस्सा है या इसके पीछे असली मेहनत और मजबूत नीतियां हैं? आज हम इस सवाल का जवाब ढूंढेंगे और इस पूरे मामले की सच्चाई को गहराई से समझेंगे।

आपको बता दें कि Pakistan की हालत किसी से छिपी नहीं है। वहां की सरकार का खजाना खाली है। हर साल वहां के नेता International Monetary Fund (IMF), वर्ल्ड बैंक, सऊदी अरब, यूएई और चीन के दरवाजे पर कर्ज मांगने के लिए खड़े रहते हैं। हालत ये है कि Pakistan अब तक अरबों डॉलर का कर्ज ले चुका है और उस कर्ज को चुकाने की स्थिति में बिल्कुल नहीं है।

हर साल वहां की सरकार को नया कर्ज लेना पड़ता है ताकि पुराना कर्ज चुकाया जा सके। वहां की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है। महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। पेट्रोल के दाम इतने बढ़ चुके हैं कि लोग गाड़ियों से चलना बंद कर चुके हैं। बिजली के बिल इतने ज्यादा हैं कि लोगों के घरों की लाइटें बंद रहने लगी हैं। ऐसी स्थिति में एक Pakistan नेता द्वारा भारत की इकोनॉमी पर सवाल उठाना न सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए हैरानी की बात है।

कामरान सईद उस्मानी Pakistan मुस्लिम लीग यूथ विंग के प्रमुख हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की तरक्की सिर्फ एक पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा है। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया के सामने एक चमकते हुए देश के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन असली हालात इससे अलग हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में अभी भी सड़कों पर लोग सोते हैं, गरीबी से जूझते हैं और शौचालयों की कमी है। उन्होंने कहा कि भारत की इकोनॉमी का ग्रोथ केवल बड़ी मार्केट और ज्यादा टैक्स कलेक्शन के कारण है। उनका दावा है कि भारत ने जो इकोनॉमिक पोजिशन हासिल की है, वो उसकी आबादी और मार्केट के कारण है, न कि किसी असली विकास के कारण।

लेकिन क्या ये सच है? अगर भारत की तरक्की सिर्फ उसकी आबादी और मार्केट के कारण होती, तो फिर चीन भारत से बहुत आगे होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत की तरक्की के पीछे मजबूत आर्थिक नीतियां, वैश्विक व्यापारिक समझौते, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट, स्टार्टअप कल्चर और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाएं हैं।

भारत की सफलता का कारण उसकी बड़ी आबादी नहीं, बल्कि उस आबादी की क्षमता है। भारत ने अपने युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा I T हब बन चुका है। भारत की कंपनियां गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों को टेक्नोलॉजी सपोर्ट दे रही हैं। भारत के इंजीनियर, डॉक्टर और वैज्ञानिक पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।

अगर भारत की तरक्की केवल एक दिखावा होती, तो विदेशी कंपनियां भारत में इतना Investment क्यों करतीं? अगर भारत केवल अपनी आबादी के दम पर ग्रोथ कर रहा होता, तो फिर भारत की GDP इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है? पिछले साल भारत की GDP ग्रोथ रेट 7% से अधिक रही, जबकि Pakistan की अर्थव्यवस्था शून्य के करीब थी।

भारत ने कोरोना महामारी के दौरान भी अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा, जबकि Pakistan की अर्थव्यवस्था उस दौरान पूरी तरह से डगमगा गई थी। भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम, GST सिस्टम, स्टार्टअप कल्चर और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने भारत को आर्थिक रूप से मजबूती दी है। भारत आज एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभर चुका है, जबकि Pakistan आज भी कर्ज के सहारे चल रहा है।

इसके अलावा, कामरान उस्मानी ने भारत की गरीबी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत में अभी भी बहुत से लोग सड़कों पर सोते हैं और शौचालयों की कमी है। लेकिन ये बात आधी सच्चाई है। भारत में गरीबी ज़रूर है, लेकिन पिछले एक दशक में करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मुफ्त मकान दिए गए हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के हर गांव और शहर में शौचालय बनाए गए हैं। अगर भारत में गरीबी इतनी ही ज्यादा होती तो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियां भारत को Investment का सबसे बड़ा केंद्र क्यों मानतीं? अगर भारत इतना ही गरीब होता तो गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के CEO भारतीय क्यों होते? अगर भारत की अर्थव्यवस्था केवल दिखावा होती तो IMF, वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भारत को ग्लोबल इकोनॉमी का अगला पावरहाउस क्यों मानतीं?

करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला

कामरान उस्मानी ने भारत की बड़ी कंपनियों – टाटा, बिरला, अडानी और अंबानी – पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में मार्क जुकरबर्ग शामिल हुए, इसका मतलब ये नहीं कि भारत अमीर है। लेकिन कामरान शायद ये भूल गए कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस दुनिया की टॉप कंपनियों में शामिल है।

टाटा की कंपनी आज दुनिया के कई देशों में बिजनेस कर रही है। भारतीय स्टार्टअप्स आज पूरी दुनिया में नाम कमा रहे हैं। भारत की सफलता केवल कुछ बिजनेस हाउसेज तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के करोड़ों लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

Pakistan की हालत ये है कि वहां के नेता अपने देश की असफलता का ठीकरा भारत की सफलता पर फोड़ना चाहते हैं। Pakistan के पास कोई आर्थिक रणनीति नहीं है। वहां की सरकार IMF और दूसरे देशों से कर्ज लेकर उसे खर्च कर देती है। वहां की इंडस्ट्रीज़ बंद हो चुकी हैं, वहां के किसान बदहाल हैं और वहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है।

Pakistan के पास भारत की तरह कोई विजन नहीं है, कोई योजना नहीं है, और कोई नेतृत्व नहीं है। यही वजह है कि वहां के नेता भारत की सफलता को देखकर जलन महसूस कर रहे हैं।

भारत की सफलता एक सच्चाई है। भारत की ग्रोथ केवल उसकी आबादी के कारण नहीं है, बल्कि उसकी मजबूत नीतियों, प्रतिभाशाली युवाओं और आत्मनिर्भरता के कारण है। पाकिस्तान की तरह भारत ने कभी कर्ज के सहारे अपनी अर्थव्यवस्था नहीं चलाई। भारत ने मेहनत और मजबूत नेतृत्व के बल पर ये मुकाम हासिल किया है।

इसलिए जब Pakistan के नेता भारत की सफलता पर सवाल उठाते हैं, तो उन्हें पहले अपने देश की हालत पर नजर डालनी चाहिए। भारत आज एक global power बन चुका है, और आने वाले समय में भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर है। यही सच्चाई है – और यही भारत की ताकत है।

Conclusion

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