PM Research Fellowship 2025: रिसर्च में करियर बनाने का शानदार मौका!

नमस्कार दोस्तों, कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसे छात्र हैं, जो विज्ञान और टेक्नोलॉजी की दुनिया में कुछ नया करने की चाहत रखते हैं। आपके पास आइडिया हैं, आपकी सोच अलग है, लेकिन समस्या वही पुरानी—Economic Resources की कमी! क्या आप जानते हैं कि भारत में हर साल हजारों प्रतिभाशाली छात्र सिर्फ इसलिए Higher education और रिसर्च से दूर हो जाते हैं, क्योंकि उनके पास इसे जारी रखने के लिए जरूरी पैसा नहीं होता? वे बड़ी सोच रखते हैं, लेकिन उनकी सोच को उड़ान देने के लिए उनके पास पंख नहीं होते।

लेकिन अब यह सब बदलने वाला है। भारत सरकार ने PM Research Fellowship (PMRF) के तहत 10,000 नई फेलोशिप देने का ऐलान किया है। यह सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि एक ऐसी क्रांति है जो उन छात्रों को एक नया भविष्य देने वाली है, जिनके पास सपने हैं, लेकिन संसाधनों की कमी है। अब भारत के सबसे बेहतरीन दिमागों को सिर्फ इसलिए अपने रिसर्च प्रोजेक्ट्स को छोड़ना नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं। अब सरकार खुद उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने को तैयार है।

यह योजना उन छात्रों के लिए लाई गई है जो IITs, IISc और अन्य Reputed Institutions में टेक्नोलॉजिकल रिसर्च में आगे बढ़ना चाहते हैं। अब सवाल यह उठता है कि यह योजना आखिर किसे और कैसे मिलेगी? इसके फायदे क्या होंगे? और यह योजना भारत के भविष्य को किस तरह से बदल सकती है? इस वीडियो में हम आपको इस योजना के हर छोटे-बड़े पहलू के बारे में विस्तार से बताएंगे। तो बने रहिए हमारे साथ, क्योंकि यह जानकारी सिर्फ आपके लिए नहीं, बल्कि उन लाखों छात्रों के लिए है जो अपने देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहते हैं।

PM Research Fellowship योजना क्या है, और इससे किसे लाभ मिलेगा?

PM Research Fellowship (PMRF) योजना 2018 के बजट में शुरू की गई थी, लेकिन इस बार 2025 के बजट में इसे और अधिक विस्तारित कर दिया गया है। सरकार ने यह महसूस किया कि भारत में रिसर्च और इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ, बड़ी लैब्स और अत्याधुनिक तकनीकों की जरूरत नहीं है, बल्कि उन छात्रों को भी आर्थिक सहायता देनी जरूरी है जो वाकई में कुछ अलग करने की क्षमता रखते हैं।

इस योजना के तहत, अगले 5 सालों में 10,000 नई फेलोशिप दी जाएंगी। यह योजना खास तौर पर उन छात्रों के लिए बनाई गई है, जो टेक्नोलॉजिकल रिसर्च में करियर बनाना चाहते हैं, और भारत को Global Level पर इनोवेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहते हैं। अब छात्रों को रिसर्च के दौरान पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। वे पूरी तरह से अपनी पढ़ाई और इनोवेशन पर फोकस कर सकते हैं।

इसके अलावा, इस योजना के तहत छात्रों को IITs, IISc और IISERs जैसे Top Institutes में डायरेक्ट PhD में प्रवेश मिल सकेगा। पहले छात्रों को M Tech के बाद PhD करनी पड़ती थी, लेकिन इस योजना के तहत B Tech के बाद सीधे PhD में दाखिला लेने का अवसर मिलेगा। यह उन होनहार छात्रों के लिए एक वरदान है जो कम उम्र में ही अपने रिसर्च करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं।

PM Research Fellowship योजना के तहत कितनी फंडिंग मिलेगी, और इसकी फेलोशिप से जुड़ी पूरी जानकारी क्या है?

इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता किसी भी अन्य सरकारी स्कॉलरशिप से कहीं ज्यादा है। PM Research Fellowship सिर्फ एक स्कॉलरशिप नहीं, बल्कि एक पूरी रिसर्च ग्रांट योजना है। इस योजना के तहत चयनित छात्रों को पहले दो सालों के लिए 70,000 रुपये प्रति महीना दिया जाएगा। तीसरे साल यह राशि बढ़कर 75,000 रुपये प्रति महीना हो जाएगी और चौथे तथा पांचवे साल में यह राशि 80,000 रुपये प्रति महीना होगी।

इतना ही नहीं, इसके अतिरिक्त प्रत्येक छात्र को रिसर्च के लिए हर साल 2 लाख रुपये का Grant भी दिया जाएगा, जिसका उपयोग वे अपने प्रोजेक्ट्स, उपकरणों और अन्य अनुसंधान-संबंधी आवश्यकताओं के लिए कर सकते हैं। यानी पांच साल में एक स्टूडेंट को कुल मिलाकर 48 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मिल सकती है!

यह फेलोशिप सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि छात्रों के सपनों को हकीकत में बदलने का एक जरिया है। अब उन छात्रों को विदेश जाने की जरूरत नहीं होगी, जिन्हें रिसर्च करने के लिए फंडिंग की आवश्यकता होती थी। अब वे अपने ही देश में रहकर अपनी रिसर्च को आगे बढ़ा सकते हैं, और भारत को विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में Global Level पर आगे ले जा सकते हैं।

PM Research Fellowship योजना के तहत डायरेक्ट PhD एडमिशन संभव है, और क्या अब M Tech अनिवार्य नहीं है?

भारत में अभी तक PhD करने के लिए अधिकतर छात्रों को पहले M Tech करना पड़ता था, जो एक अतिरिक्त समय और संसाधनों की मांग करता था। लेकिन अब इस योजना के तहत छात्रों को B Tech के बाद ही सीधे PhD में प्रवेश दिया जाएगा।

यह कदम खासतौर पर उन छात्रों के लिए बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है, जो रिसर्च के क्षेत्र में अपना करियर जल्द से जल्द शुरू करना चाहते हैं। अब छात्रों को बेवजह लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा, और वे सीधे अपने इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

भारत में बहुत से छात्र होते हैं, जिनके पास नई और अद्भुत खोज करने की प्रतिभा होती है, लेकिन वे M Tech जैसी लंबी डिग्री के कारण रिसर्च करने से पीछे हट जाते हैं। अब इस योजना के तहत वे सीधे PhD में दाखिला लेकर अपनी research को आगे बढ़ा सकते हैं, और नई तकनीकों और वैज्ञानिक खोजों में योगदान कर सकते हैं।

PM Research Fellowship योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है, और इसकी पात्रता और आवश्यकताएं क्या हैं?

PM Research Fellowship योजना के तहत आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए, छात्र का IIT, IISc, IISER, NIT या अन्य top technical institutes से B Tech या M Tech किया हुआ होना चाहिए। इसके अलावा, छात्र का CGPA कम से कम 8 या उससे अधिक होना चाहिए।

छात्रों को आवेदन के दौरान अपनी रिसर्च प्रपोजल रिपोर्ट भी जमा करनी होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि वे किस क्षेत्र में research करना चाहते हैं और उसका क्या महत्व है। इस रिपोर्ट का चयन प्रक्रिया में अहम योगदान रहेगा, क्योंकि सरकार उन्हीं छात्रों को यह फेलोशिप देना चाहती है जो वास्तव में रिसर्च के लिए समर्पित हैं।

 Conclusion

तो दोस्तों, PM Research Fellowship योजना सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत को अगर विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ना है, तो उसे अपने छात्रों को सही मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता प्रदान करनी होगी। इस योजना से भारत को नए वैज्ञानिक मिलेंगे, जो AI, मशीन लर्निंग, बायोटेक, साइबर सिक्योरिटी और space Research जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई खोजें कर सकते हैं।

अब समय आ गया है कि हम अपने देश को इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ाएं, और Global Level पर खुद को एक रिसर्च हब के रूप में स्थापित करें। यह योजना सिर्फ एक फेलोशिप नहीं, बल्कि उन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो विज्ञान और तकनीक में कुछ नया करना चाहते हैं। अब आपको फैसला करना है – क्या आप इस योजना का लाभ उठाएंगे?

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