क्या आपने कभी सोचा है कि बॉलीवुड का सबसे अमीर इंसान कोई सुपरस्टार अभिनेता नहीं, बल्कि एक ऐसा इंसान हो सकता है, जिसे ना कोई फिल्मी खानदान विरासत में मिला, ना स्टारडम, और जिसने अपना करियर टूथब्रश बेचने से शुरू किया हो?
जी हाँ, जिस इंडस्ट्री में नाम, शोहरत और पैसा अक्सर एक्टर्स के इर्द-गिर्द घूमता है, वहाँ एक ऐसा शख्स चुपचाप काम करता रहा, जिसने न केवल खुद को एक अलग मुकाम तक पहुँचाया, बल्कि बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान की कुल संपत्ति को भी पीछे छोड़ दिया। इस व्यक्ति का नाम है – Ronnie Screwvala। आज रॉनी की नेटवर्थ 12,062 करोड़ रुपए है। यह एक ऐसा आंकड़ा है जो ना सिर्फ चौंकाता है, बल्कि प्रेरित भी करता है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
रॉनी स्क्रूवाला की कहानी सिर्फ पैसे की नहीं है, यह कहानी है एक सोच की, एक जुनून की और उस साहस की जो हर बाधा को पार कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उनकी यात्रा मुंबई के एक साधारण पारसी परिवार से शुरू होती है। उनका जन्म 1956 में बॉम्बे में हुआ। बचपन में उन्होंने बड़े सपने नहीं देखे थे, क्योंकि हालात बहुत सामान्य थे। लेकिन उनके भीतर कुछ अलग करने की इच्छा जरूर थी। उन्होंने किसी बड़े बिजनेस स्कूल से पढ़ाई नहीं की, ना ही कोई ग्लैमर इंडस्ट्री से संबंध था, लेकिन जीवन में उन्होंने जो निर्णय लिए, वही आज उन्हें सबसे अलग और सफल बनाते हैं।
उनका पहला व्यवसाय टूथब्रश बनाने और बेचने का था। यह काम उन्होंने 1970 के दशक के अंत में शुरू किया। एक समय था जब वे खुद जाकर दुकानों में अपने बनाए हुए टूथब्रश की मार्केटिंग किया करते थे। सोचिए, एक ऐसा शख्स जो गलियों में घूम-घूम कर टूथब्रश बेचता था, आज भारत के सबसे धनी फिल्म निर्माताओं में गिना जाता है। उस वक्त कोई नहीं सोच सकता था कि यही इंसान एक दिन भारतीय मनोरंजन उद्योग की दिशा ही बदल देगा।
रॉनी की जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने मीडिया और टेलीविज़न की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने टेलीविज़न शो प्रोडक्शन की शुरुआत की, और धीरे-धीरे भारतीय टेलीविज़न पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली। ‘हिप हिप हुर्रे’, जो युवाओं की ज़िंदगी को बहुत वास्तविक तरीके से पेश करता था, ‘शाका लाका बूम बूम’, जो बच्चों में मैजिक पेंसिल का ख्वाब जगा देता था, और ‘खिचड़ी’, जो एक आम गुजराती परिवार की कॉमेडी को देशभर में मशहूर बना गया – यह सब उनके दिमाग की उपज थे। इन शोज़ ने न केवल TRP बटोरी, बल्कि रॉनी को एक भरोसेमंद और क्रिएटिव प्रोड्यूसर के रूप में स्थापित किया।
लेकिन रॉनी की असली पहचान बनी फिल्मों के ज़रिए। उन्होंने जब फिल्म निर्माण में कदम रखा, तो सिर्फ पैसे कमाने की सोच नहीं थी। उनकी फिल्मों में सामाजिक जिम्मेदारी और देशभक्ति की भावना झलकती थी। ‘स्वदेश’ – एक ऐसा भावनात्मक अनुभव जो प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ता है। ‘रंग दे बसंती’ – एक फिल्म जो आज भी युवाओं में बदलाव की प्रेरणा देती है। और ‘जोधा अकबर’ – एक ऐतिहासिक प्रेम कहानी, जिसने भारतीय सिनेमा को भव्यता और संवेदनशीलता का मेल दिखाया। इन फिल्मों ने न केवल दर्शकों के दिल जीते, बल्कि रॉनी को एक गंभीर और संवेदनशील निर्माता के रूप में स्थापित कर दिया।
साल 2012 में रॉनी ने वह कदम उठाया जिसने उन्हें भारत ही नहीं, बल्कि ग्लोबल मीडिया मैप पर उभार दिया। उन्होंने यूटीवी ग्रुप, जिसे उन्होंने खुद खड़ा किया था – उसे अमेरिकी कंपनी वॉल्ट डिज़्नी को एक बिलियन डॉलर में बेच दिया। यह डील भारतीय मीडिया इंडस्ट्री के इतिहास की सबसे बड़ी डील्स में से एक मानी जाती है। इस सौदे ने रॉनी को आर्थिक रूप से नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया और दिखा दिया कि वह केवल एक क्रिएटिव निर्माता नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी व्यवसायी भी हैं।
डिज़्नी के साथ हुए इस ऐतिहासिक सौदे के बाद रॉनी कुछ वर्षों तक शांत रहे। लेकिन 2017 में उन्होंने एक बार फिर धमाकेदार वापसी की और RSVP Movies नाम से नया प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। इस नए बैनर के तहत बनी फिल्में भी बेहद प्रभावशाली रहीं। ‘केदारनाथ’ एक रोमांटिक-ट्रैजेडी थी, जिसमें उत्तराखंड की त्रासदी को भावनात्मक रूप से पेश किया गया। ‘उरी – द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने देशभक्ति की भावना को फिर से जगाया और ‘How’s the Josh?’ जैसे डायलॉग्स लोगों की जुबान पर चढ़ गए। ‘द स्काई इज़ पिंक’ और ‘सैम बहादुर’ जैसी फिल्मों ने उनकी सोच और गहराई को दर्शाया। RSVP ने यह साबित कर दिया कि रॉनी स्क्रूवाला ने समय के साथ खुद को कितना evolve किया है।
अब बात करते हैं पैसों की – जी हाँ, वही आंकड़े जिसने सबका ध्यान खींचा। फोर्ब्स बिलियनेयर लिस्ट 2025 में रॉनी स्क्रूवाला की संपत्ति 1.5 बिलियन डॉलर बताई गई है। इसके मुकाबले शाहरुख खान की कुल संपत्ति 6,566 करोड़ रुपए है। सलमान खान 3,325 करोड़ और आमिर खान 1,876 करोड़ पर हैं। यानी अगर इन तीनों को मिला भी दें, तो भी रॉनी स्क्रूवाला उनसे आगे हैं। यह कोई मामूली बात नहीं है। ये आंकड़े ना केवल उनकी आर्थिक ताकत को दिखाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि निर्माता भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि अभिनेता।
यहाँ तक कि आदित्य चोपड़ा, जो बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म परिवारों में से एक से आते हैं और जिनकी संपत्ति 6,821 करोड़ रुपए बताई जाती है – वे भी रॉनी से पीछे हैं। रॉनी की ये उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि फिल्म इंडस्ट्री में धन और सफलता केवल कैमरे के सामने आने वालों तक सीमित नहीं होती, बल्कि पर्दे के पीछे भी ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो पूरी इंडस्ट्री का चेहरा बदल सकते हैं।
उनकी सफलता का एक बड़ा कारण है उनका बिजनेस विजन और डाइवर्सिफिकेशन स्ट्रैटेजी। उन्होंने सिर्फ फिल्म और टीवी तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने (upGrad) के जरिए एजुकेशन टेक्नोलॉजी में कदम रखा और युवाओं को ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म मुहैया कराया। इसके साथ ही उन्होंने U Sports के माध्यम से खेलों के क्षेत्र में निवेश किया, जहां युवा प्रतिभाओं को ग्रूम करने की सुविधा दी जाती है। उनका फोकस सिर्फ पैसा कमाने पर नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को बेहतर बनाने पर भी है।
रॉनी की संपत्ति में एक बड़ा योगदान है उनकी रियल एस्टेट होल्डिंग्स का। भारत के बड़े-बड़े शहरों में उनकी लग्जरी प्रॉपर्टीज़ हैं – मुंबई, पुणे, गोवा, दिल्ली और बेंगलुरु में। इनमें से कई संपत्तियाँ प्राइम लोकेशन पर स्थित हैं जिनकी वैल्यू हर साल तेजी से बढ़ रही है। यही नहीं, उन्होंने कई कमर्शियल प्रॉपर्टीज़ में भी निवेश कर रखा है, जिससे उन्हें लगातार पैसिव इनकम मिलती रहती है। यह उनकी स्मार्ट इन्वेस्टमेंट प्लानिंग का हिस्सा है, जो उन्हें बाकी निर्माताओं से अलग करता है।
फोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि इस साल दुनिया में कुल 2,781 अरबपति हैं, जिनमें भारत से 205 अरबपति शामिल हैं। लेकिन इन 205 में से बहुत ही कम लोग मनोरंजन उद्योग से आते हैं, और उनमें सबसे ऊँचे पायदान पर खड़े हैं रॉनी स्क्रूवाला। यह केवल पैसे की बात नहीं है, यह उनके विजन, धैर्य और मेहनत की जीत है। यह उस सोच की जीत है जो सीमित साधनों से शुरू होकर असीमित संभावनाओं की ओर बढ़ती है।
बॉलीवुड को लेकर आम धारणा रही है कि सिर्फ एक्टर ही पैसा बनाते हैं। लेकिन रॉनी स्क्रूवाला की कहानी इस धारणा को पूरी तरह चुनौती देती है। उन्होंने दिखा दिया कि पर्दे के पीछे काम करने वाले लोग भी न केवल रचनात्मक स्तर पर, बल्कि आर्थिक स्तर पर भी इंडस्ट्री को नई दिशा दे सकते हैं। वे सिर्फ निर्माता नहीं हैं – वे एक दूरदर्शी लीडर, इनोवेटर और रोल मॉडल हैं।
Conclusion
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