TDS and TCS में बड़ा बदलाव! बजट 2025 से आम लोगों और कारोबारियों को होगा जबरदस्त फायदा!

नमस्कार दोस्तों, सोचिए, अगर आपकी सैलरी से कटने वाला टैक्स अचानक कम हो जाए, अगर आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती आधी हो जाए, या फिर विदेश में पढ़ने वाले आपके बच्चों के खर्च पर पहले से कम टैक्स लगे, तो क्या आपको फायदा नहीं होगा? बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग के लिए कई राहत भरे ऐलान किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है TDS (Tax Deducted at Source) और TCS (Tax Collected at Source) से जुड़े नए बदलाव।

इस बार के बजट में सरकार ने 12 लाख रुपये तक की इनकम को पूरी तरह से टैक्स फ्री कर दिया है। इसके अलावा, बुजुर्गों के लिए ब्याज पर टैक्स कटौती की सीमा बढ़ाई गई है, किराए पर कटने वाले TDS की लिमिट को बढ़ाया गया है और विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता को TCS में बड़ी राहत दी गई है। लेकिन सवाल यह उठता है कि TDS and TDS क्या होते हैं और इन्हें समझना क्यों जरूरी है? अगर आप यह नहीं जानते, तो आप यह भी नहीं समझ पाएंगे कि बजट 2025 ने आपको कितना फायदा दिया है, और सरकार ने आपके लिए क्या नए नियम बनाए हैं।

अगर आपने कभी देखा हो कि आपकी सैलरी से हर महीने कुछ पैसे कट जाते हैं, और साल के अंत में आपको पता चलता है कि आपने जितना टैक्स देना था, उससे ज्यादा पहले ही कट चुका है, तो इसका कारण है TDS। दूसरी ओर, अगर आपने विदेश में पैसा भेजा हो या कोई बड़ी खरीदारी की हो, और आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ा हो, तो वह TCS के कारण होता है।

अब, सरकार ने बजट में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो यह तय करेंगे कि आपकी सैलरी, किराए से होने वाली कमाई, बैंक में जमा पैसे और विदेश में पढ़ने वाले बच्चों के खर्चों पर कितना टैक्स कटेगा। तो आइए सबसे पहले समझते हैं कि TDS and TCS क्या होते हैं, और फिर जानते हैं कि बजट 2025 में इनसे जुड़े कौन-कौन से बदलाव किए गए हैं।

TDS क्या होता है और यह कहां लागू होता है?

TDS यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स। इसका सीधा मतलब यह होता है कि आपकी इनकम से पहले ही सरकार कुछ टैक्स काट लेती है, और जो पैसा आपके खाते में आता है, वह पहले से टैक्स-कटा हुआ होता है। सरकार यह नियम इसलिए बनाती है ताकि टैक्स समय पर इकट्ठा हो सके और टैक्स चोरी को रोका जा सके। जब आप नौकरी करते हैं, तो आपकी सैलरी से TDS काटा जाता है।

आपकी कंपनी आपके वेतन से पहले ही कुछ टैक्स काटकर सरकार को जमा कर देती है। इससे सरकार को पहले से टैक्स मिल जाता है और बाद में आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय इसका फायदा मिलता है।

अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज कमाते हैं, तो बैंक उसमें से पहले ही TDS काट लेता है। इससे सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स का सही Payment हो रहा है।

अगर आप घर किराए पर देते हैं और आपकी Annual Rental Income 2,40,000 रुपये से ज्यादा है, तो किरायेदार को Payment करने से पहले TDS काटकर सरकार को जमा करना होता है। इससे सरकार को किराए से होने वाली आमदनी का सही रिकॉर्ड मिलता है। अगर आप फ्रीलांसर हैं, या किसी कंपनी के लिए कमीशन पर काम करते हैं, तो आपकी कमाई पर भी TDS लागू हो सकता है।

बजट 2025 में TDS के नियमों में क्या बड़े बदलाव किए गए हैं?

इस बार के बजट में सरकार ने TDS के नियमों में दो बड़े बदलाव किए हैं, जो सीधे आपकी जेब पर असर डालेंगे। पहला बड़ा बदलाव बुजुर्गों के लिए किया गया है। पहले, बुजुर्गों के लिए बैंक ब्याज पर 50,000 रुपये तक कोई TDS नहीं लगता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अब बुजुर्गों को पहले से ज्यादा ब्याज मिलेगा, क्योंकि उन पर टैक्स का बोझ कम होगा।

दूसरा बड़ा बदलाव किराए पर लागू होने वाले TDS में किया गया है। पहले, अगर किसी व्यक्ति की सालाना किराया Income 2,40,000 रुपये से ज्यादा होती थी, तो किरायेदार को Payment करने से पहले TDS काटना पड़ता था। अब यह सीमा 6 लाख रुपये कर दी गई है। यानी अब जिनकी रेंटल इनकम 6 लाख रुपये तक है, उन्हें किसी भी तरह का TDS नहीं देना पड़ेगा। इससे लाखों मकान मालिकों को सीधा फायदा होगा।

TCS क्या होता है और यह कहां लागू होता है?

TCS यानी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स। इसका मतलब यह होता है कि जब कोई विक्रेता या दुकानदार किसी खास तरह का सामान बेचता है, तो वह पहले ही उस पर टैक्स काटकर सरकार को जमा कर देता है। अगर आप विदेश में पढ़ाई, यात्रा, या Investment के लिए पैसा भेजते हैं, तो उस पर TCS लागू होता है।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि लोग विदेश में पैसा भेजने से पहले टैक्स का सही Payment करें। अगर आप महंगी कार, गहने, या अन्य लग्जरी सामान खरीदते हैं, तो उस पर भी TCS लागू किया जाता है। इससे सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि महंगे सामान खरीदने वाले लोग टैक्स चोरी नहीं कर रहे हैं।

इस बार के बजट में विदेश में पढ़ने वाले छात्रों और उनके माता-पिता को बहुत बड़ी राहत दी गई है।

पहले, अगर कोई व्यक्ति 7 लाख रुपये से ज्यादा विदेश भेजता था, तो उस पर 5% TCS लागू होता था। अब इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब 10 लाख रुपये तक विदेश भेजने पर कोई TCS नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा, सरकार ने एजुकेशन लोन के जरिए विदेश भेजे गए पैसों पर पूरी तरह से TCS हटाने का भी प्रस्ताव रखा है।

बजट 2025 में हुए इन बदलावों का आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा?

अगर आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और आपकी सैलरी 12 लाख रुपये तक है, तो अब आपको कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, अगर आपकी FD पर ब्याज आता है, तो पहले से कम TDS कटेगा, जिससे आपकी बचत बढ़ेगी।

अगर आप घर किराए पर देते हैं, तो अब 6 लाख रुपये तक की रेंटल इनकम पर कोई TDS नहीं देना होगा। इससे उन मकान मालिकों को राहत मिलेगी, जो छोटे स्तर पर किराए से आमदनी कमाते हैं। अगर आपके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं और आप उनकी पढ़ाई के लिए विदेश पैसा भेजते हैं, तो अब 10 लाख रुपये तक के रेमिटेंस पर कोई TCS नहीं देना होगा। इससे उन परिवारों को सीधा फायदा मिलेगा, जिनके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं।

Conclusion

तो दोस्तों, बजट 2025 में TDS and TCS से जुड़े बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा फायदा मध्यम वर्ग, वेतनभोगी कर्मचारियों, वरिष्ठ नागरिकों और छोटे व्यापारियों को मिलेगा। 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी गई है, जिससे लाखों Taxpayers को राहत मिलेगी। बुजुर्गों के लिए बैंक ब्याज पर TDS की सीमा 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे उनकी बचत पर टैक्स का बोझ कम होगा।

किराए पर TDS की लिमिट 2,40,000 से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे छोटे मकान मालिकों को फायदा मिलेगा। विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता को राहत देते हुए 10 लाख रुपये तक की रेमिटेंस पर TCS खत्म कर दिया गया है। एजुकेशन लोन के जरिए भेजे गए पैसों पर भी पूरी तरह से TCS हटाने का प्रस्ताव है, जिससे छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई करना आसान होगा।

हालांकि, Experts का मानना है कि यह बजट छोटे करदाताओं के लिए फायदेमंद है, लेकिन उच्च मध्यम वर्ग के लिए ज्यादा राहत नहीं दी गई। अगर सरकार इनकम टैक्स की छूट को 12 लाख से ज्यादा बढ़ाती या किराए पर TDS की सीमा और बढ़ाती, तो यह और फायदेमंद हो सकता था। क्या यह बजट आपकी बचत को बढ़ाएगा? क्या सरकार को टैक्स छूट और बढ़ानी चाहिए थी? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!

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